IUNNATI CHANAKYA NITI CHANAKYA NITI

CHANAKYA NITI

चाणक्य नीति ⚔️

✒️ द्वितीय अध्याय 

♦️श्लोक:-१०

पुत्राश्च विविधैः शीलैर्नियोज्याः सततं बुधैः।

नीतिज्ञाः शीलसम्पन्ना भवन्ति कुलपूजिताः।।१०।। 

♦️भावार्थ — बुद्धिमान इंसान को अपनी संतान को अच्छे कामों की और लगाना चाहिए, क्योंकि श्रद्धालु शीलवान और नीतिज्ञ व्यक्ति ही विश्व में पूजे जाते हैं।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

CHANAKYA NITI SHLOKCHANAKYA NITI SHLOK

चाणक्य नीति   तृतीय अध्याय श्लोक : १३ को हि भारः समर्थानां किं दूरं व्यवसायिनाम्। को विदेशाः सविद्यानां कः परः प्रियवादिनाम्।।१३।। भावार्थ – समर्थ व्यक्ति के लिए कौन-सा कार्य मुश्किल है?

CHANAKYA NITICHANAKYA NITI

चाणक्य नीति  तृतीय अध्याय श्लोक:-३ सुकुले योजयेत्कन्यां पुत्रं विद्यासु योजयेत्। व्यसने योजयेच्छत्रु मित्रं धर्मे नियोजयेत्।।३।। भावार्थ– कन्या या बेटी को अच्छे कुल में देना चाहिए और पुत्र को विद्या में लगाना

चाणक्य नीति – श्लोक व भावार्थचाणक्य नीति – श्लोक व भावार्थ

चाणक्य नीति    द्वितीय अध्याय  श्लोक :- १३  श्लोकेन वा तदर्धेन पादेनैकाक्षरेण वा।  अबन्ध्यं दिवसं कुर्याद् दानाध्ययन कर्मभिः।।१३।।  भावार्थ — एक श्लोक का अध्ययन, चिंतन, मनन से या आधे श्लोक द्वारा