“ॐ श्री भास्कराय नमः”
हे सृष्टि के सूर्य नारायण, तुमको प्रणाम,
तुमको नमन करना, है मेरा पहला काम।
कंचन रथ पर आते हो, सबको जगाते हो,
तेरा आना जाना चलता नित सुबह शाम।
हे सृष्टि के सूर्य नारायण……….
सबको हंसी खुशी मिलती है तेरे आने से,
अंधेरा छा जाता, तेरे अस्ताचल जाने से।
तेरा प्रकाश प्राणियों में जान डाल देता है,
सोते जागते सारी दुनिया लेती तेरा नाम।
हे सृष्टि के सूर्य नारायण……….
सारे संसार को लुभाती तेरी उषा की लाली,
पूरे ब्रह्माण्ड पर तेरी महिमा बड़ी निराली।
तुम कर्म करने का संदेश देते हो जग को,
तेरी किरणों में है विटामिन डी विराजमान।
हे सृष्टि के सूर्य नारायण………….
जबतक है हम लोगों पर, तेरी कृपा दृष्टि,
तबतक होती रहेगी हर्ष, आनंद की वृष्टि।
हे आदित्य नारायण तुझे हम कैसे रिझाएं?
वरदान में भक्तों को देवा, दो इतना ज्ञान।
हे सृष्टि के सूर्य नारायण…………
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