श्री कृष्ण रुक्मण भजन : आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी

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“अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे” अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥ हमारे लिए क्यों देर किए हो,हमारे लिए क्यों देर किए हो,गणिका अजामिल को

सुन राधिका दुलारी में – भजनसुन राधिका दुलारी में – भजन
सुन राधिका दुलारी में – भजन (Sun Radhika Dulari Main) सुन राधिका दुलारी में,हूँ द्वार का भिखारी,तेरे श्याम का पुजारी,एक पीड़ा है हमारी ,हमें श्याम न मिला हम समझे थे
पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगापता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा
समय हाथ से निकल गया तोसिर धुन धुन पछतायेगानिर्मल मन के दर्पण में वहराम के दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जोमन का मेल छुडायेगानिर्मल मन के दर्पण में