IUNNATI ADHYATMIK UNNATI हिन्दू नववर्ष का महत्व

हिन्दू नववर्ष का महत्व

हिन्दू नववर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के दिन का ऐतिहासिक महत्व—*

*इसी दिन परमात्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।*

*प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।*

*शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।*

*महाराज युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।*

*सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।*

*न्याय दर्शन प्रणेता महर्षि गौतम जयंती।*

*सिख पंथ के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है।*

*ऋषि दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं ‘कृण्वंतो विश्वम् आर्यम्’ का संदेश दिया।*

*सिंध प्रान्त में सिंधी हिंदुओं को 11 वीं सदी के मिरकशाह नामक क्रूर शासक से रक्षा करने वाले प्रसिद्ध धर्मरक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल जी का जन्मदिवस(चेटीचंड महोत्सव)*

 *सम्राट विक्रमादित्य की भांति सम्राट शालिवाहन ने हूणों और शकों को परास्त कर भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। शक संवत की स्थापना की।*

*संघ संस्थापक प.पू.डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन।*

🪷 *भारतीय सनातनी नववर्ष का प्राकृतिक महत्व*

*वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।*

*फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।*

*नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।*

🪷*भारतीय नववर्ष कैसे मनाएँ*

 *हम परस्पर एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें। पत्रक बांटें , झंडे, बैनर….आदि लगावें ।*

*अपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजें।*

*इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराएँ।*

*अपने घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाएँ।*

*घरों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ।*

*इस अवसर पर होने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें अथवा कार्यक्रमों का आयोजन करें।*

*प्रतिष्ठानों की सज्जा एवं प्रतियोगिता करें। झंडी और फरियों से सज्जा करें।*

*इस दिन के महत्वपूर्ण देवताओं, महापुरुषों से सम्बंधित प्रश्न मंच के आयोजन करें।*

*वाहन रैली, कलश यात्रा, विशाल शोभा*

*यात्राएं, कवि सम्मेलन, भजन संध्या , महाआरती आदि का आयोजन करें।*

*चिकित्सालय, गौशाला में सेवा, रक्तदान जैसे कार्यक्रम।*

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