सुन राधिका दुलारी में – भजनसुन राधिका दुलारी में – भजन
सुन राधिका दुलारी में – भजन (Sun Radhika Dulari Main) सुन राधिका दुलारी में,हूँ द्वार का भिखारी,तेरे श्याम का पुजारी,एक पीड़ा है हमारी ,हमें श्याम न मिला हम समझे थे
सुन राधिका दुलारी में – भजन (Sun Radhika Dulari Main) सुन राधिका दुलारी में,हूँ द्वार का भिखारी,तेरे श्याम का पुजारी,एक पीड़ा है हमारी ,हमें श्याम न मिला हम समझे थे
श्री कृष्ण भजन भक्ति दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी
श्री कृष्ण भजन भक्ति रस रुक्मण रानी जी श्री कृष्ण गुहार लगाती हुई आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी, आवीं कुण्डला वालेया, आवीं हारा
“ॐ श्री भास्कराय नमः” हे सृष्टि के सूर्य नारायण, तुमको प्रणाम, तुमको नमन करना, है मेरा पहला काम। कंचन रथ पर आते हो, सबको जगाते हो, तेरा
समय हाथ से निकल गया तोसिर धुन धुन पछतायेगानिर्मल मन के दर्पण में वहराम के दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जोमन का मेल छुडायेगानिर्मल मन के दर्पण में
“अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे” अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥ हमारे लिए क्यों देर किए हो,हमारे लिए क्यों देर किए हो,गणिका अजामिल को