~ आज का हिन्दू पंचांग
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दिनांक – 01 फरवरी 2023*
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दिन – बुधवार*
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विक्रम संवत् – 2079*
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शक संवत् – 1944*
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अयन – उत्तरायण*
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ऋतु – शिशिर*
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मास – माघ*
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पक्ष – शुक्ल*
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तिथि – एकादशी दोपहर 02:01 तक तत्पश्चात द्वादशी*
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नक्षत्र – मृगशिरा 02 फरवरी प्रातः 03:23 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
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योग – इन्द्र सुबह 11:30 तक तत्पश्चात वैधृति*
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राहु काल – दोपहर 03:40 से 05:03 तक*
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सूर्योदय – 07:20*
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सूर्यास्त – 06:27*
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दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
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ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:37 से 06:28 तक*
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निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 से 01:19 तक*
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व्रत पर्व विवरण – जया एकादशी*
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विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*एकादशी व्रत के दिन चावल खाना और खिलाना वर्जित है ।*
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जया एकादशी – 01 फरवरी 2023
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एकादशी तिथि समय अवधि : 31 जनवरी सुबह 11:53 से 01 फरवरी दोपहर 02:01 तक ।*
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एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?
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1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
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2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
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हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
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3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
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4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
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5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
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6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।*
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7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
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8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
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9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
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10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
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11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
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12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
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13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
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14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
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इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
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