IUNNATI CHANAKYA NITI चाणक्य नीति

चाणक्य नीति

चाणक्य नीति ⚔️

✒️ द्वितिय अध्याय 

♦️श्लोक:-३

यस्य पचत्रो वशीभूतो भार्या छन्दाअ्नुगामिनी।

विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।३।।

♦️भावार्थ — जिसका बेटा आज्ञाकारी हो तथा पत्नी पति के अनुकूल आचरण करने वाली हो, पतिव्रता हो एवं जो प्राप्त धन से ही संतुष्ट हो, ऐसे व्यक्ति के लिए स्वर्ग यही है, यह जानना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

CHANAKYA NITICHANAKYA NITI

चाणक्य नीति  तृतीय अध्याय श्लोक:-३ सुकुले योजयेत्कन्यां पुत्रं विद्यासु योजयेत्। व्यसने योजयेच्छत्रु मित्रं धर्मे नियोजयेत्।।३।। भावार्थ– कन्या या बेटी को अच्छे कुल में देना चाहिए और पुत्र को विद्या में लगाना

CHANAKYA NITI LIFE LESSONCHANAKYA NITI LIFE LESSON

चाणक्य नीति    तृतीय अध्याय  श्लोक : १७ किं जातैर्बहुभिः पुत्रैः शोकसन्तापकारकैः। वरमेकः कुलाअ्अ्लम्बी यत्र  विश्राम्यते कुलम्।।१७।। भावार्थ – अपने बुरे आचरण से शोक और संताप उत्पन्न करने वाली बहुत-सी संतानों

CHANAKYA NITI FAMILY LESSONCHANAKYA NITI FAMILY LESSON

चाणक्य नीति   तृतीय अध्याय  श्लोक : १८ लालयेत् पञ्च वर्षाणि दश वर्षाणि ताडयेत्।  प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्।।१८।।  भावार्थ – पाँच साल तक लाड़-प्यार, दस साल तक सख़्ती और