IUNNATI CHANAKYA NITI चाणक्य नीति 

चाणक्य नीति 

चाणक्य नीति ⚔️ 

✒️ द्वितीय अध्याय 

♦️श्लोक :- ९

शैले-शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे-गजे। 

साधवे न हि सर्वत्र चन्दनं न वने-वने।।९।। 

♦️भावार्थ — हर पहाड़ पर माणिक नहीं मिलते। प्रत्येक हाथी के सर पर मोती नहीं होते। सज्जन लोग सब जगह नहीं होते और सभी वनों में चंदन नहीं होता।।

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