IUNNATI BHAJAN श्री कृष्ण रुक्मण भजन : आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी 

श्री कृष्ण रुक्मण भजन : आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी 

श्री कृष्ण रुक्मण भजन : आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी  post thumbnail image

श्री कृष्ण भजन

भक्ति रस

रुक्मण रानी जी श्री कृष्ण गुहार लगाती हुई

आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी

आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी, 

आवीं कुण्डला वालेया, आवीं हारा वालेया ॥ॐ॥

 पिता मेरे ने मन मे विचारा, वर ले रुक्मण श्याम प्यारा |

 भाई मेरे ने जुलम कमाया, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥ॐ॥ 

 रुक्मण रानी लिख रही पाती, श्याम सुन्दर मेरे बन जाओ साथी | 

दासी तेरी अरज गुजरे, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥ॐ॥

 विप्र तुर पड़े रात बाराती, जा मोहन को दीनी पाती |

पाती पड़ कर ला ली छाती, और रथ को खूब सजा लिया ॥ॐ॥ 

 मोहन तुर पड़े सुबह सवेरे, जा मन्दिर मे ला लाये डेरे |

रुक्मण आई करने पूजा, बाजु पकड़ रथ मे बिठा लिया ॥ॐ॥ 

यशोमति मैया और नंदलाल (श्री कृष्ण )जी की वार्ता

 यशोमती मैया से बोले नंदलाला यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

 राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला ॥ॐ॥ 

बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया, काली अँधेरी आधी रात को तू आया | 

लाडला कन्हीया मेरा काली कमली वाला, इसी लिए काला ॥ॐ॥ 

 बोली मुस्काती मैया, सुन मेरे प्यारे, गोरी गोरी राधिका के नैन कजरारे |

 काले नैनो वाली ने ऐसा जादू डाला, इसी लिए काला ॥ॐ॥ 

 इतने में राधा प्यारी आई बलखाती, मैंने क्या जादू डाला, बोली इख्लाती |

मैया कन्हीया तेरा जग से निराला, इसी लिए काला ॥ॐ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

श्री कृष्ण भजन

श्री कृष्ण भजन :  दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरीश्री कृष्ण भजन :  दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी

श्री कृष्ण भजन  भक्ति   दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी

सुन राधिका दुलारी में

सुन राधिका दुलारी में – भजनसुन राधिका दुलारी में – भजन

सुन राधिका दुलारी में – भजन (Sun Radhika Dulari Main) सुन राधिका दुलारी में,हूँ द्वार का भिखारी,तेरे श्याम का पुजारी,एक पीड़ा है हमारी ,हमें श्याम न मिला हम समझे थे

पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगापता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा

समय हाथ से निकल गया तोसिर धुन धुन पछतायेगानिर्मल मन के दर्पण में वहराम के दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जोमन का मेल छुडायेगानिर्मल मन के दर्पण में