दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)
|| दुर्गा चालीसा || नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला
|| दुर्गा चालीसा || नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला
|| श्री शिव चालीसा || || दोहा || शिव चालीसा जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥ || चौपाई || जय गिरिजा पति दीन
शिव पुराण सातवां अध्याय – श्री रुद्र संहिता (पंचम खण्ड) विषय – देवताओं द्वारा शिव-स्तवन सनत्कुमार जी बोले- हे व्यास जी! जैसे ही शरणागत भक्तवत्सल भगवान शिव ने देवताओं की
मनसा शक्तिपीठ सती माता के शक्तिपीठों की इस श्रांखला में आज जानेंगे मनसा शक्तिपीठ के बारे में मनसा शक्तिपीठ तिब्बत में स्थित है। यह शक्ति पीठ सबसे शुद्ध और पवित्र
शिव पुराण छठवां अध्याय – श्री रुद्र संहिता( पंचम खण्ड) ( शिव ) विषय त्रिपुर सहित उनके स्वामियों के वध की प्रार्थना व्यास जी ने पूछा- हे सनत्कुमार जी! जब
अम्बाजी ज्योतिर्लिंग यदि आपको भारत के प्रमुख शक्तिपीठों के दर्शन करने हैं, तो गुजरात के अरासुरी अम्बाजी ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बिना आपकी यात्रा अधूरी है। यहाँ माता का ह्रदय
शिव पुराण पांचवा अध्याय – श्री रुद्र संहिता (पंचम खण्ड) ( शिव ) विषय:–नास्तिक मत से त्रिपुर का मोहित होना नारद जी ने पूछा- हे ब्रह्मदेव ! उन तीनों महा
त्रिपुरमालिनी शक्तिपीठ त्रिपुरमालिनी शक्तिपीठ की इस श्रृंखला में आज हम लाए है माँ त्रिपुरमालिनी शक्तिपीठ के बारे में प्रमुख जानकारी, पौराणिक कथा, माता के इस शक्तिपीठ का महत्व व भक्तों
|| श्री बजरंग बाण || निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
हनुमान चालीसा श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल बुधि विद्या देहु मोहिं,