IUNNATI HARI BOL रामलला ने सिर से पांव तक पहने हैं कौन-कौन से 17 आभूषण

रामलला ने सिर से पांव तक पहने हैं कौन-कौन से 17 आभूषण

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रामलला ने सिर से पांव तक पहने हैं कौन-कौन से 17 आभूषण-

हमारे प्रभु श्री राम वर्षों बाद अपने घर में सुशज्जित हुए है 

अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर में विराजमान रामलला के लिए 17 आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों पर लंबी रिसर्च और पढ़ाई करने के  बाद तैयार किए गए हैं।

रामलला के आभूषण बदायूं के सर्राफ हरसहायमल श्यामलाल ज्वेलर्स की लखनऊ ब्रांच ने तैयार किए हैं।  भगवान राम के शीष पर मुकुट या किरीट धारण है।

 कानों में कुंडल, गले में कंठा, ह्रदय पर कौस्तुभमणि, नाभिकमल के ऊपर पदिक, वैजयन्ती या विजयमाल, कमर में कांची या करधनी, भुजबंध या अंगद, कंकण या कंगन, मुद्रिका, पैरों में छड़ा या पैजनिया, हाथों में धनुष, गले में माला,मस्तक पर तिलक, चरणों के नीचे कमल, पांच साल के रामलला के खेलने के लिए चांदी के खिलौने, भगवान के प्रभा मंडल के ऊपर छत्र आदि मौजूद हैं।

शीष पर मुकुट, या किरीट

भगवान रामलला ने उत्तर भारतीय परंपरा के मुताबिक सोने से बना मुकुट पहना है, जिस पर माणिक्य, पन्ना, हीरे जड़े हुए हैं। मुकुट के बीच में भगवान सूर्य विराजमान हैं। मुकुट के दायीं तरफ मोतियों की लड़ियां लगी हैं।

मेरे प्रभु श्री राम के कुंडल

रामलला के कानों में खूबसूरत कुंडल धारण किए हैं. इसमें मोर की आकृतियां बनी हैं। सोने से बने भगवान के कुंडलों में  हीरे , माणिक्य और पन्ना जड़े गए हैं।

मेरे आराध्य श्री राम का कण्ठा

भगवान रामलला ने गले में रत्नों से जड़ा अर्द्धचंद्राकार कंठा पहना हुआ है. इसें मंगल का विधान रचते फूल अर्पित किए गए हैं. इसके बीच में सूर्य की आकृति बनी है। सोने से बने इस कण्ठे में हीरे, माणिक्य और पन्ना जड़ा गया है।इसके नीचे पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं।

रामलला के ह्रदय पर कौस्तुभमणि

भगवान ने कौस्तुभमणि धारण किया है. इसको बड़े माणिक्य और हीरों से सजाया गया है।शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु और उनके अवतार  ह्रदय में कौस्तुभमणि धारण करते हैं, इसीलिए रामलला को भी इसे धारण कराया गया है।

रामलला के पदिक

रामलला के गले के नीचे नाभिकमल के ऊपर एक हार धारण कराया गया है।देव अलंकरण में इसका खास महत्व है. पदिक पांच लड़ियों वाला हीरे और पन्ने का ऐसा पंचलड़ा है, जिसके नीचे  एक बड़ा सा सुंदर और जड़ाऊ पेंडेंट लगाया गया है।

वैजयंती या विजयमाल

वैजयंती रामलला को पहनाया जाने वाला सोने से बना तीसरा और सबसे लंबा हार है।इसमें जगह-जगह माणिक्य जड़े गए हैं। इसे भगवान को विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है, जिसमें वैष्णव परंपरा के सभी मंगल चिन्ह, सुदर्शन चत्र, पद्यपुष्प, शंख और मंगल कलश बना हुआ है. इसमें पांच तरह के देवों के पसंदीदा फूलों को भी खूबसूरती से सजाया गया है, ये कमल,चंपा,पारिजात,कुंद और तुलसी हैं।

कमर में कांची या करधनी

रामलला को कमर में रत्नों से जड़ी करधनी धारण कराई गई है।सोने से बनी करधनी में हीरे, माणिक्य, मोती, पन्ना जड़े गए हैं. पवित्रता के तौर पर इसमें पांच घंटियां भी लगाई गई हैं।इन घंटियों पर पन्ना, मोती, माणिक्य की लड़ियां लगाई गई हैं।

भुजबंद या अंगद 

भगवान रामलला को दोनों भुजाओं में सोने और रत्नों से जड़े भुजबंद पहनाए गए हैं।

 कंकण,कंगन

रामलला के दोनों हाथों में हीरे, मोती जैसे रत्नों से जड़े खूबसूरत कंगन पहनाए गए हैं।

रामलला की मुद्रिका

रामलला दाएं और बाएं, दोनों हाथों में मुद्रिकाएं धारण की हुई हैं।इन अंगूठियों में रत्न जड़े हैं और मोती लटक रहे हैं।

पैरों में छड़ा और पैजनियां

रामलला को पैरों में छड़ा और पैजनिया पहनाए गए हैं।भगवान के पैरों की सुंदरता बढ़ा रही पायलें सोने की हैं।

रामलला के बाएं हाथ में धनुष

रामलला के बाएं हाथ में सोने का धनुष पहनाया गया है. इस धनुष को मोती, माणिक्य और पन्ने की लड़ियों से सजाया गया है।वहीं हाहिने हाथ मे सोने का बाण भगवान धारण किए हुए हैं।

रामलला के गले में वनमाला 

रामलला के गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वनमाला पहनाई गई है. इसको हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्पमंजरी संस्था ने बनाया है।

रामलला के मस्तक पर तिलक 

भगवान रामलला के मस्तक पर मंगल तिलक पहनाया गया है. इस तिलक में हीरे और माणिक्य जड़े हुए हैं।रामलला के चरणों के नीचे कमल भगवान रामलला के चरणों के नीचे कमल शोभायमान है. इसके नीचे एक सोने की माला सजी हुई है।

रामलला के खिलौने भव्य राम मंदिर में पांच साल के रामलला विराजे हैं, तो उनके खेलने के लिए चांदी से बने खिलौने रखे गए हैं। खिलौनों में झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौनागाड़ी और लट्टू शामिल है।

रामलला के मस्तक के पर छत्र।

भगवान रामलला के प्रभा-मंडल के ऊपर सोने का छत्र लगा हुआ है

मेरे आराध्य मेरे प्रभु श्री राम 

जय श्री राम 

Which 17 Ornaments is Ramlala Wearing from Head to Toe?

 Our Lord Shri Ram has returned to his house well after many years. The jewelery for Ramlala enshrined in the grand Shri Ram temple in Ayodhya has been prepared after long research and study on texts like Adhyatma Ramayana, Valmiki Ramayana, Ramcharitmanas and Alvandar Stotram. Ramlala’s jewelery has been prepared by the Lucknow branch of Saraf Harsahaymal Shyamlal Jewelers of Badaun. Lord Rama is wearing a crown or crown on his head. Earrings in the ears, kantha around the neck, Kaustubhamani on the heart, Padik above the navel, Vaijayanti or Vijaymal, Kanchi or girdle in the waist, Bhujbandh or Angad, Kankan or bracelet, Mudrika, Rod or Pajaniya in the feet, Bow in the hands, Rosary around the neck. Tilak on the head, lotus below the feet, silver toys for five year old Ramlala to play, umbrella over the Lord’s aura etc. are present. crown on top According to North Indian tradition, Lord Ramlala is wearing a crown made of gold, on which rubies, emeralds and diamonds are studded. Lord Surya is seated in the middle of the crown. There are strings of pearls on the right side of the crown. earrings of my lord shri ram Ramlala is wearing beautiful earrings in his ears. Peacock figures are made in it. The Lord’s earrings made of gold are studded with diamonds, rubies and emeralds. The throat of my beloved Shri Ram Lord Ramlala is wearing a crescent shaped necklace studded with gems. Flowers have been offered to it signifying the auspiciousness of Mars. The shape of the sun is made in the middle of it. This necklace made of gold is studded with diamonds, rubies and emeralds. Strings of emeralds have been placed below it. Kaustubhamani on Ramlala’s heart God is wearing Kaustubhamani. It has been decorated with big rubies and diamonds. According to the scriptures, Lord Vishnu and his incarnations wear Kaustubhamani in their hearts, that is why Ramlala has also been made to wear it. Ramlala’s medals A necklace has been worn on the navel of Ramlala below the neck. It has special significance in the adornment of the deity. Padik is a five-stranded panchalda made of diamonds and emeralds, below which a large, beautiful and jeweled pendant is placed. Vyjayanti or Vijaymal Vyjayanti is the third and longest necklace made of gold worn by Ram Lalla. It has rubies studded at various places. It is worn as a symbol of victory to God, in which all the auspicious symbols of Vaishnav tradition, Sudarshan Chatra, Padya Pushpa, Conch and Mangal Kalash are made. Five types of favorite flowers of Gods have also been beautifully decorated in it, these are Lotus, Champa, Parijat, Kund and Tulsi. waist belt Ramlala has been made to wear a girdle studded with gems around his waist. Diamonds, rubies, pearls and emeralds have been studded in the girdle made of gold. As a mark of sanctity, five bells have also been installed in it. Strings of emerald, pearl and ruby have been installed on these bells. Bhujband or Angad Lord Ramlala has been adorned with Bhujbands studded with gold and gems on both his arms. bracelet Beautiful bracelets studded with gems like diamonds and pearls have been worn on both the hands of Ramlala. Ramlala’s ring Ramlala is wearing rings in both his right and left hands. These rings have gems studded in them and pearls are hanging from them. walking stick and anklets Ramlala has been adorned with a walking stick and anklets on his feet. The anklets enhancing the beauty of the Lord’s feet are made of gold. Bow in Ramlala’s left hand A gold bow has been worn in the left hand of Ramlala. 

This bow has been decorated with strings of pearls, rubies and emeralds. The Lord is holding a golden arrow in his right hand. Vanmala around Ramlala’s neck A garland with colorful flower shapes has been worn around Ramlala’s neck. It has been made by Shilpmanjari organization dedicated to handicrafts. Tilak on Ramlala’s head Mangal Tilak has been worn on the forehead of Lord Ramlala. Diamonds and rubies are studded in this tilak. Lotus under the feet of Ramlala. Lotus is beautiful under the feet of Lord Ramlala. A gold garland is decorated below it. 

Ramlala’s toys: Five-year-old Ramlala is seated in the grand Ram temple, so toys made of silver have been kept for him to play with. Toys include rattle, elephant, horse, camel, toy cart and top. Umbrella over Ramlala’s head. There is a golden canopy over the aura of Lord Ramlala. my beloved my lord shri ram

Jai Shri Ram

देखत रूप चराचर मोहा.

श्रीराम , कल आपकी छवि निहारी। हमारे तन मन धन्य हो गए, तीनों भुवन धन्य हो गए।आप तो स्वयं धर्म का विग्रह हैं। किंतु आपका विग्रह, इतना अनुपम; देखकर हमारे हृदय छलक आए, हमारी आंखों में एक पुलक आई, हमारे गले अवरुद्ध हो गए।

भगवन् श्रीराम , पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण; पूरा भारत राममय। आपके नाम की महिमा का बखान चहुंओर। मॉल से लेकर चाय की टपरी तक, अस्पताल से लेकर विद्यालयों तक, रेलवे स्टेशन से लेकर रिक्शा स्टैंड तक, केवल आपके स्वागत गीत,   आएंगे, तो अंगना सजाऊंगी।

पूरा भारत भाव-विभोर हो उठा है। आप पधार रहे… आपके आने की प्रसन्नता में बच्चे, बूढ़े सब झूम रहे। माताएं मंगल गीत गा रहीं। मंदिरों में सफाई हो रहीं। भारत वर्ष के सारे तीर्थस्थल आपके आगमन की सूचना पाकर पुलकित हैं। घर द्वारों पर बंदनवार सजे हैं। रंगोलियां बन रहीं। प्रत्येक ओर भगवा ध्वज लहरा रहे। और आपका धाम, साकेतपुरी देखने के लिए एक जोड़ी आंखें पर्याप्त नहीं हैं, प्रभु।

पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा, प्रभु  श्रीराम ! पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा। कई कारसेवकों के प्राण गए, कई माताओं ने अपने बाल नहीं बाँधे, आपके रक्तवंशजों ने पगड़ी नहीं बाँधी, कई लोगों ने अपने घर नहीं बनवाए, क्योंकि आप अनिकेत थे, राम।

हम आपके धैर्य के मंत्र का जाप करते और अदालत में हाजरी देते। जब असह्य हुआ, तो आपका क्षात्र मंत्र प्रयोग में लिया।हम लड़ते लड़ते यहां तक पहुंच गए। आप सर्वत्र हैं। आप घट घट वासी हैं। आप लोक और शास्त्र की अन्विति हैं, आप सकल चराचर में व्याप्त हैं।

लेकिन, आप हमें विग्रह के लिए प्रसन्न होने दीजिए। आप तो खैर संसारी टोटकों से दूर हैं… मैं भरत जी के पास जाता हूं। आत्मीय भरत जी, हमारे आराध्य के आगमन के स्वागत की तैयारी में कोई कमी तो नही है न? यदि कोई आज्ञा हो, तो कहिए, यह कृतज्ञ भारत आपकी प्रत्येक आज्ञा की अनुपालना के लिए तत्पर खड़ा है, नग्न पांव।

जय श्री राम 

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