IUNNATI BHAJAN,HARI BOL पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा

समय हाथ से निकल गया तो
सिर धुन धुन पछतायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह
राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबुन से जो
मन का मेल छुडायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह
राम के दर्शन पायेगा

झूठ कपट निंदा को त्यागो
हर प्राणी से प्यार करो
घर पर आये अतिथि तो
यथा शक्ति सत्कार करो

पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह
राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबुन से जो
मन का मेल छुडायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह
राम के दर्शन पायेगा

पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा ||

1 thought on “पता नहीं किस रूप में आकर “नारायण ” मिल जाएगा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?

देवर्षि नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?देवर्षि नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?

देवर्षि नारद जी का जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया

श्रीराम

प्रभु श्रीराम पधार रहे है : पूरा भारत राममयप्रभु श्रीराम पधार रहे है : पूरा भारत राममय

देखत रूप चराचर मोहा. ( श्रीराम ) श्रीराम , कल आपकी छवि निहारी। हमारे तन मन धन्य हो गए, तीनों भुवन धन्य हो गए।आप तो स्वयं धर्म का विग्रह हैं।

आदित्य-हृदय स्तोत्र 

आदित्य-हृदय स्तोत्र आदित्य-हृदय स्तोत्र 

आदित्य-हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) आदित्यहृदयम् सूर्य देव की स्तुति के लिए वाल्मीकि रामायण के युद्ध काण्ड मे लिखे मंत्र हैं। जब राम, रावण से युद्ध के लिये रणक्षेत्र में आमने-सामने