माता सती के 51 शक्तिपीठों की इस श्रृंखला में आज हम जानेंगे ज्वालाजी शक्तिपीठ के बारे में जहां माता की जिह्वा गिरी थी-
ज्वालाजी शक्तिपीठ को भगवती जवाला माता को समर्पित माना जाता है और यह एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। इसे भारतीय साहित्य, धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
ज्वालाजी शक्तिपीठ का महत्व प्राचीन पौराणिक कथाओं में सुनाया जाता है। यहां पर भगवती जवाला माता के पावन अग्नि कुण्ड का स्थान है, जिसमें सदैव प्रज्ज्वलित अग्नि होती है। इसी कारण इसे ‘अनादि ज्वाला मंदिर’ भी कहा जाता है।
ज्वालाजी माता का ध्यान और पूजन विशेष शक्ति, साहस, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए माना जाता है। यहां भक्तों की आस्था और श्रद्धा का अभिव्यक्ति होता है और वे माँ जवाला के आशीर्वाद की कामना करते हैं।
ज्वालाजी शक्तिपीठ के प्रति लाखों श्रद्धालु उत्साहित होते हैं और वे यहां आकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। यहां प्रतिवर्ष बहुतायत मेले भी आयोजित किए जाते हैं, जो ज्यादातर उत्तर भारत के रहने वाले लोगों को आकर्षित करते हैं।