वैदिक पंचांग ~*
*दिनांक – 06 अगस्त 2023*
*दिन – रविवार*
*विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
*शक संवत -1945*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा ॠतु*
*मास – अधिक श्रावण*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – पंचमी सुबह 07:09 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र – रेवती 07 अगस्त रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग -धृति रात्रि 08:27 तक तत्पश्चात शूल*
*राहुकाल – शाम 05:37 से शाम 07:15 तक*
*सूर्योदय-06:15*
*सूर्यास्त- 19:13*
*दिशाशूल- पश्चिम दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – षष्ठी क्षय तिथि*
*विशेष- पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
* रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
*सावन माह मे इतना जरूर करे*
*घर में सुख-समृद्धि के लिए*
*मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। मंत्रों के माध्यम से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन मिलता है जिसके नियमित जप से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाते हैं तथा जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसा ही एक मंत्र ये भी है-*
*तुलसी नामाष्टक मंत्र*
*वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।*
*पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।*
*एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।*
*य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।*
*जप विधि*
*- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे की पूजा व परिक्रमा करें तथा दीप लगाएं।*
*- इसके बाद एकांत में जाकर कुश के आसन पर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का जप करें। साधक का मुख पूर्व में होना चाहिए।*
*- कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।*
*- एक ही समय, स्थान, आसन व माला हो तो ठीक रहता है।*
*- कुछ ही समय में आप देखेंगे कि आपकी घर में सुख-समृद्धि का वास हो गया है। आपकी हर मुश्किल आसान होती दिखाई देगी।*
*वास्तु शास्त्र*
*टूटी या खुली अलमारी*
*घर या दुकान की अलमारी टूटी हुई नहीं होनी चाहिए।टूटी अलमारी पैसों के नुकसान का कारण बनती है। इसके अलावा काम न होने पर अलमारी को हमेशा बंद रखें। अलमारी को बेवजह खुला रखने पर हर तरह के कामों में रुकावट आती है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*वायु की तकलीफ़ में राहत पाने*
*१ लीटर पानी उबालो, उसमे हो सके तो ३ बिली पत्ते और १ काली मिर्च मसल के डाल दो , पौना लीटर हो जाए …ठंडा होवे ..तब वो ही पिया करो।*