IUNNATI NAVRATRI माता महागौरी : आठवाँ नवरात्र पूजा विधि, मंत्र, आरती

माता महागौरी : आठवाँ नवरात्र पूजा विधि, मंत्र, आरती

माता महागौरी : आठवाँ  नवरात्र पूजा विधि, मंत्र, आरती post thumbnail image

नवरात्र का आठवाँ दिन ( माता महागौरी )

माता महागौरी पूजा विधि, मंत्र, आरती व माता महागौरी जी का स्वरूप

मातारानी का आठवाँ नवरात्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है, जो नवदुर्गा के अंबिका रूप में जानी जाती है। उन्हें माँ गौरी के रूप में भी जाना जाता है।

इस दिन भक्तों के द्वारा माँ महागौरी की पूजा, अर्चना, और वंदना की जाती है। माँ महागौरी की पूजा के दौरान उन्हें धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, सुपारी, और नारियल चढ़ाया जाता है।

माँ महागौरी को विशेष रूप से सफेद वस्त्र पहनाए जाते हैं, जिसका रंग शुभता और पवित्रता को प्रतिनिधित्त्व करता है।

माँ महागौरी का ध्यान करने से शुभ और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और भक्तों को शांति, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति में मदद मिलती है

माता महागौरी जी का मंत्र

‘सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥’

माता का स्वरूप

माता महागौरी का स्वरूप अत्यंत पवित्र और शांत होता है। वह चाँदनी की तरह चमकती हैं और उनका चेहरा सुंदर और शानदार होता है।

माता महागौरी की प्रतिमा में वे एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमंडलु या घट धारण करती हैं।

माता महागौरी की आँखें अत्यंत दयालु और करुणामयी होती हैं, और उनकी मुद्रा शांति और सौम्यता का प्रतीक है।

वे देवी दुर्गा के नौ रूपों में एक हैं और नवरात्र के आठवें दिन पूजा जाती हैं। भक्तों को इस दिन मां की कृपा, शांति, और सौम्यता की प्राप्ति होती है।

उनकी पूजा के द्वारा भक्तों को आत्मशक्ति और धैर्य की प्राप्ति होती है।

माता महागौरी जी की आरती

क्षीरसागर सम्भूता, नागर्यानी त्रियम्बका। त्रिपुरारि त्रिदेवेशी, त्रिमुर्ति त्रिगुणायुधे॥

जय महागौरी माता, महागौरी महादेवी। त्रिशूलधारिणी भवानी, जगजननी महेश्वरी॥

कर में खप्पर और शूल धरे, चंद्रघंटा महागौरी। शक्ति रूप महाकाली, माँ तेरे जयजयकारी॥

तू है दुर्गा, तू है काली, तू ही लक्ष्मी, तू है सरस्वती। तू ही अन्नपूर्णा, तू ही महागौरी, माँ तेरे चरणों में हम सदा सुख हारी॥

जय महागौरी माता, महागौरी महादेवी। त्रिपुरहारिणी भवानी, जगजननी महेश्वरी

माता महागौरी जी की कथा

एक समय की बात है, भगवान शिव के ध्यान में चित्त लगाने के लिए पर्वतराज हिमवान ने अपनी पुत्री पार्वती को धार्मिक तपस्या करने का सुझाव दिया।

पार्वती ने अपने पिता की सलाह मानी और वन में तपस्या में लग गई।

उनकी तपस्या ने बहुत ही कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन वे निरंतर अपने ध्यान में लगी रहीं। धीरे-धीरे उनका रूप बहुत ही भयंकर हो गया।

उन्होंने अपने आप को एक क्रूर और भयंकर रूप में परिणत कर लिया। उनके विकसित रूप को देखकर देवताओं का भय बढ़ गया

और वे शिव भगवान के पास गए और उनसे उनकी सहायता के लिए ब्रह्मा, विष्णु, और अन्य देवताओं की प्रार्थना की।

शिव भगवान ने इसका समाधान किया और पार्वती को उनके पुराने सुंदर रूप में पुनः लेकर आए। उनका रूप उस समय से ही महागौरी कहलाने लगा, जिसका अर्थ है “महान और साद्वी”।

माता महागौरी को नवरात्र के आठवें दिन की पूजा की जाती है, जिसमें उन्हें भक्तों की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

माता महागौरी जी के मंदिर

माता महागौरी के मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। ये मंदिर नवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी संख्या में आते हैं।

यहां पर भक्त अपनी आराधना और पूजा करते हैं और माँ महागौरी की कृपा की कामना करते हैं।

कुछ प्रमुख माता महागौरी के मंदिर

श्री महागौरी मंदिर, जैसलमेर (राजस्थान), माता महागौरी मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश), माँ महागौरी मंदिर, वायनाड (केरला), और जय माता महागौरी मंदिर, शाहदोल (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।

ये मंदिर नवरात्रि के दौरान भक्तों के लिए धार्मिक आयोजनों का भी केंद्र होते हैं और भक्तों की भीड़ यहां पर अत्यंत उत्साही होती है। इन मंदिरों में विशेष रूप से नवरात्रि के अवसर पर आराधना, भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री : नौवाँ नवरात्र ,पूजा विधि,आरती,मंत्रमाँ सिद्धिदात्री : नौवाँ नवरात्र ,पूजा विधि,आरती,मंत्र

नवरात्र का नौवाँ दिन ,पूजा विधि,आरती,मंत्र- माँ सिद्धिदात्री नवरात्रि के नौवें दिन माँ दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री जी की पूजा की जाती है। नवरात्र के नौवें और अंतिम

नवरात्र

नवरात्र दूसरानवरात्र दूसरा

नवरात्र का दूसरा दिन आज नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माँ ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में

माँ कालरात्रि

माँ कालरात्रि : सातवाँ नवरात्रमाँ कालरात्रि : सातवाँमाँ कालरात्रि : सातवाँ नवरात्रमाँ कालरात्रि : सातवाँ

नवरात्र का सातवाँ दिन माता जी की पूजा विधि,आरती व स्वरूप ( माँ कालरात्रि ) नवरात्र के सातवें दिन को महासप्तमी कहा जाता है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा