अपने सामर्थ्य को पहचानो
श्री कृष्ण मठ, उडुपी(कर्नाटक)
कर्नाटक के उडुपी शहर में कन्हैया का एक अत्यंत विलक्षण मंदिर है। अगर आप भी किसी धार्मिक यात्रा पर जाने के बारे में विचार कर रहे हैं तो उडुपी में भक्त-भगवान के अटूट प्रेम को दर्शाते इस कृष्ण मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
दैनिक सेवाओं (भगवान को चढ़ावा) तथा कृष्ण मठ के संचालन का प्रबन्ध अष्ट मठों (आठ मंदिरों) द्वारा किया जाता है। अष्ट मठों में से प्रत्येक एक चक्रीय क्रम में दो साल के लिए मंदिर के प्रबंधन का कार्य करता है। उन्हें सामूहिक रूप से कृष्णमठ के रूप में जाना जाता है।
कृष्णा मठ को अपनी धार्मिक रीतियों, परंपराओं और द्वैत या तत्ववाद दर्शन की शिक्षा के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह साहित्य के एक रूप भी दासा साहित्य का भी केंद्र है, जो उडुपी में उत्पन्न हुआ है।
ये आठ मठ पेजावरा, पुट्टिगे, पलिमारु, अडामारु, सोढे, कनियूरु, शिरुर और कृष्णापुरा हैं।
सनातन की सभ्यता,कला, ज्ञान,सामर्थ्य आदि के कारण भारत विश्व गुरु था किन्तु हिन्दुओ के अहंकार,जातिवाद, लालच एंव कायरता के चलते ना केवल हजार साल ग़ुलाम रहा अपितु पुनः अब विनाश की और अग्रसर हो रहा है
समय की मांग पहचान समय रहते जातिवाद, मत/भाषा/क्षेत्र का भेद ,स्वार्थ एवं कायरता छोड़ जागो हिन्दुओ
अन्यथा ना राष्ट्र,धर्म का अस्तित्व बचेगा ना तुम्हारे प्राण ना बहन बेटियों की आन |
Sri Krishna Matha, Udupi(Karnataka)
Know your potential
Sri Krishna Matha, Udupi(Karnataka)
There is a very unique temple of Kanhaiya in Udupi city of Karnataka. If you are also thinking of going on a religious journey, then you can visit this Krishna temple in Udupi depicting the unbreakable love of the devotee-God.
The daily services (offerings to God) and the operations of the Krishna Math are managed by the Ashta Mathas (Eight Temples). Each of the eight mathas manages the temple for two years in a cyclic order. They are collectively known as Krishnamath.
Krishna Math is known worldwide for its religious customs, traditions and teachings of Dvaita or Tattvavad philosophy. It is also the center of Dasa literature, a form of literature that originated in Udupi.
These eight monasteries are Pejavara, Puttige, Palimaru, Adamaru, Sodhe, Kaniyuru, Shirur and Krishnapura.
India was world guru because of Sanatan’s civilization, art, knowledge, power etc. But due to the arrogance, casteism, greed and cowardice of Hindus, not only remained a slave for thousand years, but now it is moving towards destruction.
Recognize the demand of the time, wake up Hindus leaving casteism, religion/language/region discrimination, selfishness and cowardice in time.
Otherwise, neither the existence of nation, religion will survive, neither your life nor the pride of your sisters and daughters.
jai shree krishan
jai shree krishan
создание уникальной атмосферы.
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