नवरात्र का पाँचवा दिन : माँ स्कंदमातानवरात्र का पाँचवा दिन : माँ स्कंदमाता
नवरात्र का पाँचवा दिन माँ दुर्गा का पाँचवा स्वरूप माँ स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवे दिन को माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माँ स्कंदमाता को पांच हाथों वाली रूप
नवरात्र का पाँचवा दिन माँ दुर्गा का पाँचवा स्वरूप माँ स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवे दिन को माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माँ स्कंदमाता को पांच हाथों वाली रूप
श्रीमद् भगवत गीता ३ अध्याय – कर्म योग ४१ श्लोक तस्मात्त्वमिन्द्रियाण्यादौ नियम्य भरतर्षभ | पाप्मानं प्रजहि ह्येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम् || ४१ || भावार्थ इसलिए हे भरतवंशियों में श्रेष्ठ! प्रारम्भ से ही
माँ कूष्मांडा मंत्र,पूजाविधि, आरती व भोग नवरात्रि के चौथे दिन को माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माँ कुष्मांडा को नवदुर्गा का चौथा स्वरूप माना जाता है। उनका नाम
श्रीमद् भगवत गीता ३ अध्याय – कर्म योग ४० श्लोक इन्द्रियाणि मनो बुद्धिरस्याधिष्ठानमुच्यते | एतैर्विमोहयत्येष ज्ञानमावृत्य देहिनम् || ४० || भावार्थ इन्द्रिय, मन और बुद्धि को कामना की प्रजनन भूमि कहा
नवरात्रि का तीसरा दिन पूजा विधि, मंत्र, विशेषता नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघन्टा की पूजा की जाती है। इस दिन माँ चंद्रघन्टा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों ने उन्हें
श्रीमद् भगवत गीता ३ अध्याय – कर्म योग १३ श्लोक देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा | तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति || १३ || भावार्थ ( श्रीमद् भगवत गीता ) जैसे देहधारी आत्मा
शिव पुराण ( श्री रुद्र संहिता ) पहला अध्याय श्री रुद्र संहिता ( पंचम खण्ड) विषय ( शिव ) तारकपुत्रों की तपस्या एवं वरदान प्राप्ति नारद जी बोले- हे प्रभो! आपने
नवरात्र का दूसरा दिन आज नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माँ ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में
नवरात्रि विशेष (भारतीय नववर्ष की शुरुआत ) नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। यहां माँ शैलपुत्री की पूजा की विधि और
4 धामों में से एक धाम द्वारिका धाम द्वारिका धाम भारतीय पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो गुजरात राज्य के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इसे ‘मोक्षपुरी’