शिव पुराण नवां अध्याय प्रथम खण्डशिव पुराण नवां अध्याय प्रथम खण्ड
शिव पुराण नवां अध्याय – श्रीरुद्र संहिता (प्रथम खण्ड – १० ) विषय :- देवी उमा एवं भगवान शिव का प्राकट्य एवं उपदेश देना ब्रह्माजी बोले- नारद! भगवान विष्णु जी
शिव पुराण नवां अध्याय – श्रीरुद्र संहिता (प्रथम खण्ड – १० ) विषय :- देवी उमा एवं भगवान शिव का प्राकट्य एवं उपदेश देना ब्रह्माजी बोले- नारद! भगवान विष्णु जी
हमारे मंदिर हमारी धरोहर कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हपी नामक नगर में हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। वर्तमान का यह क्षेत्र प्राचीन की किष्किंधा नगरी है और
शिव पुराण आठवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड) विषय:-काम की हार सूत जी बोले- हे ऋषियो! जब इस प्रकार प्रजापति ब्रह्माजी ने कहा, तब उनके वचनों को सुनकर
शिव पुराण सातवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड) विषय:- संध्या की आत्माहुति ब्रह्माजी कहते हैं – नारद! जब भगवान शिव देवी संध्या को वरदान देकर वहां से अंतर्धान
पंचवक्त्र महादेव मंदिर मंडी(हिमाचल प्रदेश) जिस तरह काशी गंगा के किनारे बसा है, ठीक उसी तरह मंडी व्यास नदी के तट पर बसा है। काशी की तरह मंडी में भी
शिव पुराण छठा अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड) विषय:-संध्या की तपस्या ब्रह्माजी बोले– हे महाप्रज्ञ नारद! तपस्या की विधि बताकर जब वशिष्ठ जी चले गए, तब संध्या आसन
माता सती से जुड़े 51 शक्तिपीठों के बारे में जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश में स्तिथ है। 1.-हिंगलाज:- कराची से 125 किमी दूर है।
शिव पुराण पांचवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड) विषय:- संध्या का चरित्र सूत जी बोले– हे ऋषियो ! नारद जी के इस प्रकार प्रश्न करने पर ब्रह्माजी ने
शिव पुराण चौथा अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड) विषय:- काम-रति विवाह नारद जी ने पूछा– हे ब्रह्माजी! इसके पश्चात क्या हुआ? आप मुझे इससे आगे की कथा भी बताइए।
भीमाकली मंदिर, सराहन(हिमाचल प्रदेश) हिमाचल प्रदेश के सराहन में भीमाकली मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। 51 शक्तिपीठों में से एक भीमाकली मंदिर पवित्र स्थल है। काली