IUNNATI HINDU PANCHANG हिन्दू पंचांग व एकादशी

हिन्दू पंचांग व एकादशी

~ आज का हिन्दू पंचांग ~

*⛅दिनांक – 01 मार्च 2023*

*⛅दिन – बुधवार*

*⛅विक्रम संवत् – 2079*

*⛅शक संवत् – 1944*

*⛅अयन – उत्तरायण*

*⛅ऋतु – वसंत*

*⛅मास – फाल्गुन*

*⛅पक्ष – शुक्ल*

*⛅तिथि – दशमी 02 मार्च सुबह 06:39 तक तत्पश्चात एकादशी*

*⛅नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 09:52 तक तत्पश्चात आर्द्रा*

*⛅योग – प्रीति शाम 05:02 तक तत्पश्चात आयुष्मान*

*⛅राहु काल – दोपहर 12:52 से 02:20 तक*

*⛅सूर्योदय – 07:02*

*⛅सूर्यास्त – 06:43*

*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*

*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:23 से 06:13 तक*

*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 से 01:16 तक*

*⛅व्रत पर्व विवरण – फाल्गुन दशमी (ओडिशा)*

*⛅विशेष – दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*आमलकी एकादशी*

*🔸एकादशी 02 मार्च सुबह 06:39 से 03 मार्च सुबह 09:11 तक है ।*

*🔸 व्रत उपवास 03 मार्च शुक्रवार को रखा जाएगा ।*

*🔸 अद्भुत स्वास्थ्य-लाभों का भंडार : सर्वरोगहारी नीम*

*🔸 रसो निम्बस्य मञ्जर्या पीतश्चैत्रे हितावहः । ‘चैत्र मास (८ मार्च से ६ अप्रैल) में नीम के  पत्तों का एवं उसकी मंजरी का रस पीना हितकर है ।”*

*🔸 नीम रक्त एवं त्वचा विकार नाशक है । वसंत ऋतु में सुबह इसकी पत्तियों का रस पीना तथा भोजन के साथ घी में भुनी हुई पत्तियाँ खाना हितकर है ।*

*🔸 इसके फलों को सुखा के उनका चूर्ण बना लें । उसे दाल, शाग आदि में मिलाकर लेने से अनेक रोगों से रक्षा होती है ।*

*🔸 त्वचा रोगों एवं रक्त विकारों में तथा चेचक के रोगियों के लिए तो नीम मानो एक प्रकृति-प्रदत्त महौषधि ही है ।*

*🔸 औषधीय प्रयोग 🔸*

*🔹 (१) नीम के वृक्ष के नीचे बैठना, नीम की दातुन करना, सुबह नीम के कोमल पत्तों का २५- ३० मि.ली. रस अथवा १५- २० मि.ली. नीम अर्क पीना, शरीर पर नीम का रस लगाना, प्रभावित अंगों पर नीम तेल लगाना, बिस्तर पर नीम की ताजी पत्तियाँ बिछाना तथा-नीम पत्र रस मिश्रित जल से स्नान करना त्वचा-रोगों में हितकारी है ।*

*🔹 (२) वसंत ऋतु में चेचक का रोग होने की सम्भावना अधिक रहती है । अतः इन दिनों में मिष्टान्न, तले हुए पदार्थ, गरिष्ठ एवं कफकारक आहार से परहेज रखना चाहिए । चेचक में नीम के सेवन से बुखार नहीं बढ़ता, प्यास कम लगती है, चेचक का विष गहराई तक नहीं जाता तथा रोग-शमन के पश्चात् रहनेवाली पित्त की अधिकता दूर होती है, निर्बलता नहीं आती है ।*

*🔹 (३) वसंत ऋतु में (होली के बाद) २०- २५ दिन नीम के २०-२५ कोमल पत्ते व १-२ काली मिर्च खायें या नीम के फूलों के १०-१५ मि.ली. रस में १-२ काली मिर्च का चूर्ण डालकर पियें । इससे शरीर में ठंडक रहेगी और गर्मी झेलने की शक्ति आयेगी, पित्त-शमन होगा और व्यक्ति वर्षभर निरोग रहेगा ।*

*🔹 (४) प्रसूता को नीम के पत्तों का साग बना के उसका २०-२५ मि.ली. रस सेंधा नमक तथा थोड़ा त्रिकटु (सोंठ, काली मिर्च व पीपर का समभाग चूर्ण) मिलाकर सेवन कराना चाहिए । इससे गर्भाशय का संकोचन होता है, उसके आसपास की सूजन दूर होती है, मल साफ होता है, भूख खुल के लगती है व बुखार नहीं आता । माता के दूध की शुद्धि होती है तथा दूध के द्वारा नीम का कुछ अंश बच्चे को मिलते रहने से उसका स्वास्थ्य ठीक रहता है ।*

*🔹 ५) नीम की पत्तियों को पानी में डाल के उबाल लें और छान के पानी रख लें । इस पानी से सिर को धोते रहने से बाल सुदृढ़ होते हैं, उनका गिरना या झड़ना रुक जाता है तथा वे काले भी होने लगते हैं । सिर में होनेवाली फुंसियाँ आदि निकलनी बंद हो जाती हैं ।*

*🔹 (६) नीम की जड़ को पानी डाल के घिसकर लगाने से मुँहासों में लाभ होता है । इस दौरान सात्त्विक सुपाच्य आहार लेना आवश्यक है ।*

*🔹 (७) सुबह नीम के फूलों का २०-४० मि.ली. रस लेने से पित्तजन्य फोड़े-फुंसियों में शीघ्र लाभ होता है ।*

*🔹 पुण्यदायी तिथियाँ व योग 🔹*

*३ मार्च : आमलकी एकादशी (व्रत करके आँवले के वृक्ष के पास रात्रि जागरण, उसकी १०८ या २८ परिक्रमा करनेवाला सब पापों से छूट जाता है और १००० गोदान का फल प्राप्त करता है ।)*

*६ मार्च : होलिका दहन (होली की रात्रि का जागरण, जप, मौन, ध्यान बहुत फलदायी होता है ।)*

*१५ मार्च : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-४९ तक) (षडशीति संक्रांति में किये गये ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल ८६,००० गुना होता है । पद्म पुराण), बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से शाम ६-४५ तक)*

*१७ मार्च : ब्रह्मलीन भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी के

*२८ मार्च : पापमोचनी एकादशी (पापमोचनी एकादशी का व्रत करने पर पापराशि का विनाश हो जाता है ।)*

*२१ मार्च : चैत्री अमावस्या (इस दिन किया गया ध्यान, जय बहुत पुण्यदायी होता है ।)*

*२२ मार्च : गुडी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ*

*२३ मार्च : चेटीचंड*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

HINDU VEDIC PANCHANGHINDU VEDIC PANCHANG

 वैदिक पंचांग व राशिफल~*    *दिनांक – 06 जनवरी 2023*  *दिन – शुक्रवार*  *विक्रम संवत – 2079*  *शक संवत -1944*  *अयन – दक्षिणायन*  *ऋतु – शिशिर ॠतु*   *मास – पौष मास*

HINDU VEDIC PANCHANG & HOROSCOPESHINDU VEDIC PANCHANG & HOROSCOPES

 वैदिक पंचांग व राशिफल~*   *दिनांक – 04 जनवरी 2023*  *दिन – बुधवार*  *विक्रम संवत – 2079*  *शक संवत -1944*  *अयन – दक्षिणायन*  *ऋतु – शिशिर ॠतु*   *मास – पौष मास*

02 फरवरी  2023 – वैदिक पंचांग व राशिफल02 फरवरी  2023 – वैदिक पंचांग व राशिफल

~ वैदिक पंचांग व राशिफल~*    *दिनांक – 02 फरवरी  2023*  *दिन – गुरुवार*  *विक्रम संवत – 2079*  *शक संवत -1944*  *अयन – उत्तरायण*  *ऋतु – शिशिर ॠतु*   *मास – माघ*