IUNNATI CHANAKYA NITI CHANAKYA NITI FAMILY LESSON

CHANAKYA NITI FAMILY LESSON

चाणक्य नीति 

 तृतीय अध्याय 

श्लोक : १८

लालयेत् पञ्च वर्षाणि दश वर्षाणि ताडयेत्। 

प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्।।१८।। 

♦️भावार्थ – पाँच साल तक लाड़-प्यार, दस साल तक सख़्ती और सोलहवाँ साल लगते ही संतान से दोस्त की तरह आचरण करना चाहिए।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

CHANAKYA NITICHANAKYA NITI

चाणक्य नीति    द्वितीय अध्याय  श्लोक :- १२  लालनाद् बहवो दोषास्ताडनाद् बहवो गुणाः।  तस्मात्पुत्रं च शिष्यं च ताडयेन्न तु लालयेत्।।१२।।  भावार्थ — प्यार-दुलार से बेटे और शिष्य में बहुत से दोष

CHANAKYA NITI LIFE LESSONCHANAKYA NITI LIFE LESSON

चाणक्य नीति    तृतीय अध्याय  श्लोक : १७ किं जातैर्बहुभिः पुत्रैः शोकसन्तापकारकैः। वरमेकः कुलाअ्अ्लम्बी यत्र  विश्राम्यते कुलम्।।१७।। भावार्थ – अपने बुरे आचरण से शोक और संताप उत्पन्न करने वाली बहुत-सी संतानों

CHANAKYA NITICHANAKYA NITI

चाणक्य नीति  तृतीय अध्याय श्लोक:-३ सुकुले योजयेत्कन्यां पुत्रं विद्यासु योजयेत्। व्यसने योजयेच्छत्रु मित्रं धर्मे नियोजयेत्।।३।। भावार्थ– कन्या या बेटी को अच्छे कुल में देना चाहिए और पुत्र को विद्या में लगाना