Category: HARI BOL

ओम मंदिर, राजस्थानओम मंदिर, राजस्थान

ओम मंदिर, जिसे नावनिया ओम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के पाली जिले के जाड़न गाँव में स्थित है। यह मंदिर अपनी विशेष आकृति के लिए

अनंत चतुर्दशी या गणेशोत्सवअनंत चतुर्दशी या गणेशोत्सव

अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भगवान विष्णु के

कैलाशनाथ मंदिर, औरंगाबाद, महाराष्ट्रकैलाशनाथ मंदिर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र

कैलाशनाथ मंदिर, जिसे कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा गुफाओं का एक अद्वितीय और विश्वप्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर

स्वर्णगिरी श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर , तेलंगानास्वर्णगिरी श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर , तेलंगाना

स्वर्णगिरी श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, जिसे आमतौर पर स्वर्णगिरी मंदिर के नाम से जाना जाता है, तेलंगाना के भोंगिर जिले में मनेपल्ली हिल्स पर स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर

होयसलेश्वर मंदिर , हालेबिडु , कर्नाटकहोयसलेश्वर मंदिर , हालेबिडु , कर्नाटक

भारत के मंदिरों के इतिहास की इस श्रृंखला में आज हम लाए है कर्नाटक का प्रसिद्ध मंदिर होयसलेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के हालेबिडु में स्थित एक प्रसिद्ध और

Bhuteshwar Mahadev Temple Vrindavan, Uttar PradeshBhuteshwar Mahadev Temple Vrindavan, Uttar Pradesh

भूतेश्वर महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।  यहाँ

नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?

देवर्षि नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?देवर्षि नारद मुनि का जन्म कैसे हुआ ?

देवर्षि नारद जी का जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया

आदित्य-हृदय स्तोत्र 

आदित्य-हृदय स्तोत्र आदित्य-हृदय स्तोत्र 

आदित्य-हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) आदित्यहृदयम् सूर्य देव की स्तुति के लिए वाल्मीकि रामायण के युद्ध काण्ड मे लिखे मंत्र हैं। जब राम, रावण से युद्ध के लिये रणक्षेत्र में आमने-सामने

दुर्गा चालीसा

दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)

|| दुर्गा चालीसा || नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला ।नेत्र लाल