श्री कृष्ण भजन : दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरीश्री कृष्ण भजन : दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
श्री कृष्ण भजन भक्ति दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी
श्री कृष्ण भजन भक्ति दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी
श्री कृष्ण भजन भक्ति रस रुक्मण रानी जी श्री कृष्ण गुहार लगाती हुई आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी, आवीं कुण्डला वालेया, आवीं हारा
आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 24 जनवरी 2024 दिन – बुधवार विक्रम संवत् – 2080 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – पौष पक्ष – शुक्ल तिथि –
देखत रूप चराचर मोहा. ( श्रीराम ) श्रीराम , कल आपकी छवि निहारी। हमारे तन मन धन्य हो गए, तीनों भुवन धन्य हो गए।आप तो स्वयं धर्म का विग्रह हैं।
शिव पुराण अध्याय तिरपन – श्री रूद्र संहिता (तृतीय खंड) विषय: बारात का ठहरना और हिमालय का बारात को विदा करना ब्रह्माजी बोले- जब करुणानिधान भगवान शिव जनवासे में पधार गए तो हम
भगवान श्री कृष्ण जी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी कोशल के सत्या से विवाह करने के लिए कृष्ण जी को राजा नागनाजी के सात बैलों को वश में करना पड़ा।
शिव पुराण बावनवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (तृतीय खंड) विषय : भगवान शिव का आवासगृह में शयन ब्रह्माजी बोले- नारद! शैलराज हिमालय ने सभी बारातियों के भोजन की व्यवस्था
शिव पुराण इक्यानवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (तृतीय खंड) विषय:–रति की प्रार्थना पर कामदेव को जीवनदान ब्रह्माजी बोले- हे नारद जी! उस समय अनुकूल समय देखकर देवी रति भगवान
भगवान श्रीराम की वंशावली कहानी रघुकुल की जानिए श्रीराम की वंशावली भगवान श्री राम हिन्दुओं के आराध्य देव हैं। धार्मिक विरासत के अनुसार त्रेया युग में भगवान श्रीराम का जन्म
आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 04 जनवरी 2024 दिन – गुरुवार विक्रम संवत् – 2080 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – पौष पक्ष – कृष्ण तिथि –