IUNNATI ADHYATMIK UNNATI खाटूश्याम जी – खाटूधाम

खाटूश्याम जी – खाटूधाम

खाटूश्याम जी – खाटूधाम post thumbnail image

क्या लगता है आपको ? 

खाटूधाम कोई घूमने का स्थान है ?

खाटू सिर्फ़ एक गाँव है जहाँ आपको सिर्फ़ देखने जाना है कि वहाँ ऐसा क्या है जो लाखों की भीड़ जाती है ?

ये कलयुग है प्यारे 

क्योकि जितना मेरा बाबा देना जानता है वो वापस भी लेना जानता है…आपकी ग़लत फ़हमी रह रही होगी की इसके दरबार में इत्र फेंकने से आपकी माँगी मन्नत पूरी हो जाएगी या प्रशाद फेंकने से वो अरदास आपकी लग जाएगी ?

बाबा को नहीं चाहिए ये सब…क्योकि कलयुग का प्रसार जैसे जैसे बढ़ रहा है बाबा के भक्तों की क़तार भी बढ़ती जा रही है…जिनके पास भाव है जो वर्षों से खाटू की चोखट पर आ रहे है उनको पूछो प्रशाद कैसे चढ़ता है ? 

कैसे नारियल बांधा जाता है ?

कैसे इसके दरबार में इत्र चढ़ता है ?

खाटू धाम जाओ तो श्रद्धा से जाओ की मुझे बाबा के दर्शन की एक झलक पानी है जिससे मैं इस कलयुग के दुखों से पार पा सकु, प्रशाद मेरे मालिक को इस कद्र अर्पित करूँ जिससे मेरे 2 वक्त की रोज़ी रोटी का इंतज़ाम मेरा श्याम कर दे । 

लाखों की भीड़ में सिर्फ़ बाबा को भोग दिखा कर अपने घर के मंदिर में लाकर लगा दो वो बड़ी ख़ुशी ख़ुशी आपका प्रशाद खाने खाटू से चल कर आएगा…

इत्र को इस भाव से बाबा के दरबार लेकर जाऊ की मेरे घर का वातावरण महक उठे 

ना की किसी श्याम भक्त के पैरो में मेरे इत्र कि शीशी का काँच लगे और मैं पाप का भागी बनु …

आपकी क़तार में कोई प्रेमी अगर इत्र बाबा की और फेंकता है या प्रशाद फेंकता है कोई माला फेंकता है फ़ुल फेंकता है तो उसे कड़े से कड़े नियमो के साथ रोके और उसे बताये की प्रशाद और इत्र की महिमा सर्वोपरी है…लाइन को आगे बढ़ाने वाले गार्ड या मंदिर कमेटी सिर्फ़ आपको रास्ता बता सकती है आपको आपके पाप करने से ज़्यादा समय तक नहीं रोक सकती…उनका लगाया गया शीशा इस बात का प्रमाण था कि भक्तों कि शालीनता फीकी पड़ गई है…आपकी महिमा का बखान करके अगर कोई पहली बार खाटू आया है तो उसे बताना कि प्रशाद नहीं चढ़ा पाये तो बाबा की और दिखा कर अपने घर ले आओ..वो किसी ना किसी रूप में स्वीकार ज़रूर करते है मगर आपके फेंकने कि कला किसी रूप में स्वीकार नहीं होती है 

मेरा कर्तव्य था आपको पाप से बचाना 

मेरा कर्तव्य है आपको आपकी शालीनता बताना 

मेरा कर्तव्य है मेरे भगवान में प्रति आपके कलयूगी भाव को बदलना 

रास्ते हज़ार है मगर मंज़िल सिर्फ़ मेरा लखदातार है

Hare k sahare ki Jai

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

पंच रथ मंदिर महाबलीपुरम(तमिलनाडु) पंच रथ मंदिर महाबलीपुरम(तमिलनाडु) 

पंच रथ मंदिर  महाबलीपुरम(तमिलनाडु)  तमिलनाडु में कई प्राचीन शहर है जिसमें से एक है महाबलीपुरम जो समुद्र तट पर स्थित है। इस शहर का इतिहास बहुत ही प्राचीन और भव्य

Ahobilam Kurnool(Andhra Pradesh) Ahobilam Kurnool(Andhra Pradesh) 

अहोबिलम,  कर्नूल(आंध्रप्रदेश) हमारी धरोहर , विरासत  हमारे मंदिरों का स्वर्णिम इतिहास   आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिला में सुप्रसिद्ध अहोबिलम मंदिर नंद्याल से 66 KM स्थित है। अहोबिलम भगवान नरिस्महा स्वामी

हिंदू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधारहिंदू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार

“हिंदू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार” प्रश्नोत्तरी  प्र ० 1 – चंद्र ग्रहण की स्थिति कैसे बनती है? उत्तर:- पूर्णिमा के दिन पृथ्वी की स्थिति सूर्य और चंद्रमा के बीच में