IUNNATI HINDU PANCHANG 22 फरवरी 2023 – हिन्दू पंचांग

22 फरवरी 2023 – हिन्दू पंचांग

आज का हिन्दू पंचांग ~

*⛅दिनांक – 22 फरवरी 2023*

*⛅दिन – बुधवार*

*⛅विक्रम संवत् – 2079*

*⛅शक संवत् – 1944*

*⛅अयन – उत्तरायण*

*⛅ऋतु – वसंत*

*⛅मास – फाल्गुन*

*⛅पक्ष – शुक्ल*

*⛅तिथि – तृतीया 23 फरवरी प्रातः 03:24 तक तत्पश्चात चतुर्थी*

*⛅नक्षत्र – पूर्वभाद्रपद 23 फरवरी प्रातः 09:00 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद*

*⛅योग – साध्य रात्रि 11:47 तक तत्पश्चात शुभ*

*⛅राहु काल – दोपहर 12:53 से 02:20 तक*

*⛅सूर्योदय – 07:07*

*⛅सूर्यास्त – 06:39*

*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*

*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:28 से 06:18 तक*

*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 से 01:17 तक*

*⛅व्रत पर्व विवरण -*

*⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु🔹

*🔸तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है ।*

*🔸तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे । फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम – कीर्तन करके हास्य – प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे । यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वास होता है ।*

*🔹भारतीय संस्कृति के आधारभूत तथ्य🔹*

*पंच कोष : अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय, आनंदमय ।*

*पंच महाभूत : पृथ्वी, जल, तेज, आकाश, वायु ।*

*पंच प्राण : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान ।*

*पंच क्लेश : अविद्या, अस्मिता (अभिमान), राग, द्वेष और अभिनिवेश (मृत्युभय) ।*

*षड् दर्शन : सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व मीमांसा, उत्तर मीमांसा (वेदांत ) ।*

*षट्सम्पत्ति : शम, दम, तितिक्षा, उपरति, श्रद्धा, समाधान ।*

*🔹बुद्धि का विकास और नाश कैसे होता है ?*🔹

*🔸बुद्धि का नाश कैसे होता है और विकास कैसे होता है ? विद्यार्थियों को तो खास समझना चाहिए न ! बुद्धि नष्ट कैसे होती है ? बुद्धि: शोकेन नश्यति । भूतकाल कि बातें याद करके ‘ऐसा नहीं हुआ, वैसा नही हुआ…’ ऐसा करके जो चिंता करते हैं न, उनकी बुद्धि का नाश होता है । और ‘मैं ऐसा करके ऐसा बनूंगा, ऐसा बनूंगा…’ यह चिंतन बुद्धि-नाश तो नहीं करता लेकिन बुद्धि को भ्रमित कर देता है । और ‘मैं कौन हूँ ? सुख-दुःख को देखनेवाला कौन ? बचपन बीत गया फिर भी जो नहीं बीता वह कौन ? जवानी बदल रही है, सुख-दुःख बदल रहा है, सब बदल रहा है, इसको जाननेवाला मैं कौन हूँ ? प्रभु ! मुझे बताओ…’ इस प्रकार का चिंतन, थोड़ा अपने को खोजना, भगवान के नाम का जप और शास्त्र का पठन करना – इससे बुद्धि ऐसी बढ़ेगी, ऐसी बढ़ेगी कि दुनिया का प्रसिद्द बुद्धिमान भी उसके चरणों में सिर झुकायेगा ।*

*🔹बुद्धि बढ़ाने के ४ तरीके🔹*

*१] शास्त्र का पठन*

*२] भगवन्नाम-जप, भगवद-ध्यान*

*३] आश्रम आदि पवित्र स्थानों में जाना*

*४] ब्रह्मवेत्ता महापुरुष का सत्संग-सान्निध्य*

 *🔹जप करने से, ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है । जरा – जरा बात में दु:खी काहे को होना ? जरा – जरा बात में प्रभावित काहे को होना ?  ‘यह मिल गया, वह मिल गया…’ मिल गया तो क्या है !*

*🔹ज्यादा सुखी – दु:खी होना यह कम बुद्धिवाले का काम है । जैसे बच्चे की कम बुद्धि होती है तो जरा- से चॉकलेट में, जरा-सी चीज में खुश हो जाता है, और जरा-सी चीज हटी तो दु:खी हो जाता है । वही जब बड़ा होता है तो चार आने का चॉकलेट आया तो क्या, गया तो क्या ! ऐसे ही संसार की जरा-जरा सुविधा में जो अपने को भाग्यशाली मानता है उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता और जो जरा-से नुकसान में आपने को अभागा मानता है उसकी बुद्धि मारी जाती है । अरे ! यह सब सपना है, आता-जाता है । जो रहता है, उस नित्य तत्त्व में जो टिके उसकी बुद्धि तो गजब की विकसित होती है ! सुख-दुःख में, लाभ-हानि में, मान-अपमान में सम रहना तो बुद्धि परमात्मा में स्थित रहेगी और स्थित बुद्धि ही महान हो जायेगी ।*

*🚩जय हो मात श्री धोली सती दादीजी की 🚩*

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