~ आज का हिन्दू पंचांग ~*
*दिनांक – 14 फरवरी 2023*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत् – 2079*
*शक संवत् – 1944*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन (गुजरात, महाराष्ट्र में माघ)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अष्टमी सुबह 09:04 तक ततपश्चात नवमी*
*नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 02:02 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*योग – ध्रुव दोपहर 12:26 तक तत्पश्चात व्याघात*
*राहु काल – दोपहर 03:45 से 05:10 तक*
*सूर्योदय – 07:13*
*सूर्यास्त – 06:35*
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:32 से 06:22 तक*
*निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 से 01:19 तक*
*व्रत पर्व विवरण – मातृ-पितृ पूजन दिवस*
*विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
* मातृ-पितृ पूजन दिवस : 14 फरवरी 2023*
* 14 फरवरी की सुबह करें शुभ संकल्प *
* बच्चों को 13 फरवरी को याद दिलायें और तैयारी रखें । 14 फरवरी की सुबह संकल्प करें कि ‘आज मैं माता-पिता के अंदर छुपे हुए परमात्मदेव का प्रत्यक्ष पूजन करूँगा । सर्वतीर्थमयी माता… माता की प्रसन्नता, माता का आदर करने से सारे तीर्थों की यात्रा का फल मिलता है । सर्वदेवमयः पिता… पिता का आदर करने से सब देवताओं की पूजा का फल मिलता है । आज मैं माता-पिता का पूजन दिवस मनाऊँगा ।’ फिर और नहीं तो अपने बगीचे से ही चार फूल तोड़कर आ जाय । दीया तो घर में होगा ही । मात-पिता को तिलक कर मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । बोल के थोड़ा मन में जैसी भी प्रार्थना, सद्भाव आये उस अनुसार करें अथवा तो ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ या ‘माँ-बाप को भूलना नहीं’ यह छोटी-सी पुस्तक आश्रम से प्रकाशित हुई है, इसके अनुसार विधिवत् मनायें ।*
*और सब मिलेगा पर माँ-बाप नहीं मिलेंगे *
*और सब मिलेगा पर माँ-बाप नहीं मिलेंगे । कितना कष्ट सहकर जननी ने हमें जन्म दिया है और पिता ने कितनी तकलीफें उठाकर हमें पाला-पोसा, पढ़ाया-लिखाया और उनसे मुँह मोड़कर युवक-युवती ‘आई लव यू’, ‘आई लव यू’ करके एक-दूसरे को फूल दें, एक-दूसरे को काम की नजर से देखें तो जीवनीशक्ति का ह्रास होता है, दिल-दिमाग कमजोर हो जायेंगे, संतान कमजोर आयेगी ।*
* युवक 14 फरवरी को फूल लेकर अपनी प्रेयसी के पास जाता है तो अपने माता-पिता का अपमान करता है । 14 फरवरी को फूल लेकर नहीं, दिल लेकर, पूजा की सामग्री लेकर माँ के चरणों में, पिता के चरणों में जाओ, जिससे तुम्हारा अंदर का हृदय-तीर्थ शुद्ध हो जाय । इससे माँ-बाप तो मेहरबान होंगे लेकिन माँ-बाप का जो अंतरात्मा है वह भी बरस जायेगा और बच्चे-बच्चियों, युवक-युवतियों की जिंदगी सँवर जायेगी ।*
*नस-नाड़ियों की कमजोरी*
*नस-नाड़ियों की कमजोरी में १-३ ग्राम (जैसा अनुकूल हो) अश्वगंधा १० ग्राम पानी में उबाल के दूध में डाल दो और वो दूध पीने से बल आएगा ।*
*कार्य में विजयप्राप्ति हेतु*
*कार्य में विजयप्राप्ति हेतु नियमितरूप से संध्या के समय पीपल के नीचे मिट्टी का घी से भरा दीपक लगाने तथा कुछ देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम का जप करके थोड़ी देर शांत बैठने से अभीष्ट सिद्धि होती है । (दीपक ६ घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर उपयोग करें ताकि घी न सोखें ।)*
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