IUNNATI HARI BOL श्री हनुमान जन्मोत्सव

श्री हनुमान जन्मोत्सव

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हनुमान जन्मोत्सव

अष्ट सिद्धि, नौ निधि, 108 नाम व चिरंजीवी का अर्थ 

क्या हनुमान जी ज़िंदा है? 

हनुमान जन्मोत्सव
कब मनाई जाती है?
 
हनुमान जन्मोत्सव
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह त्योहार भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
 
हनुमान जी की माता का नाम ‘अन्जना’ था, जबकि इनके पिताजी का नाम ‘केसरी’ था।
 

हनुमान जी भगवान शिव के रुद्र अवतार है। भगवान शिव ने रामकाज को संपूर्ण करने के लिए रुद्र का अवतार हनुमान जी के रूप में लिया। 

हनुमान जी का नाम हनुमान क्यों पड़ा?

एक बार बालकपन में हनुमान जी को बुख़ लगी थी तब वे सूर्य को खाने के लिए आकाश में निकल पड़े। ये सूर्यदेव को भोजन समझाकर निगलने ही वाले थे कि देवराज इन्द्र ने अपने वज्र से इनके ऊपर प्रहार किया

और ये आकाश से नीचे गिर गये।वज्र का प्रहार इनके हनु अर्थात् ठोड़ी के ऊपर हुआ था तब देवराज इंद्र ने क्षमा माँगी और मारुति का नाम हनुमान पड़ा।

हनुमान जी के कितने नाम है? हनुमान जी के 108 नाम बताए गए है -

1.भीमसेन सहायकृते 
2. कपीश्वराय
 3. महाकायाय 
4. कपिसेनानायक 
5. कुमार ब्रह्मचारिणे 
6. महाबलपराक्रमी 
7. रामदूताय 
8. वानराय 
9. केसरी सुताय 
10. शोक निवारणाय 
11. अंजनागर्भसंभूताय 
12. विभीषणप्रियाय
 13. वज्रकायाय 
14. रामभक्ताय 
15. लंकापुरीविदाहक 
16. सुग्रीव सचिवाय 
17. पिंगलाक्षाय 
18. हरिमर्कटमर्कटाय 
19. रामकथालोलाय 
20. सीतान्वेणकर्त्ता
 21. वज्रनखाय 
22. रुद्रवीर्य 
23. वायु पुत्र 
24. रामभक्त 
25. वानरेश्वर 
26. ब्रह्मचारी 
27. आंजनेय 
28. महावीर 
29. हनुमत 
30. मारुतात्मज 
31. तत्वज्ञानप्रदाता 
32. सीता मुद्राप्रदाता 
33. अशोकवह्रिकक्षेत्रे 
34. सर्वमायाविभंजन
 35. सर्वबन्धविमोत्र 
36. रक्षाविध्वंसकारी
 37. परविद्यापरिहारी 
38. परमशौर्यविनाशय 
39. परमंत्र निराकर्त्रे 
40. परयंत्र प्रभेदकाय 
41. सर्वग्रह निवासिने 
42. सर्वदु:खहराय 
43. सर्वलोकचारिणे 
44. मनोजवय 
45. पारिजातमूलस्थाय 
46. सर्वमूत्ररूपवते 
47. सर्वतंत्ररूपिणे 
48. सर्वयंत्रात्मकाय 
49. सर्वरोगहराय
 50. प्रभवे 
51. सर्वविद्यासम्पत 
52. भविष्य चतुरानन
 53. रत्नकुण्डल पाहक 
54. चंचलद्वाल 
55. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ 
56. कारागृहविमोक्त्री 
57. सर्वबंधमोचकाय 
58. सागरोत्तारकाय 
59. प्रज्ञाय
 60. प्रतापवते 
61. बालार्कसदृशनाय 
62. दशग्रीवकुलान्तक 
63. लक्ष्मण प्राणदाता 
64. महाद्युतये 
65. चिरंजीवने
 66. दैत्यविघातक 
67. अक्षहन्त्रे
 68. कालनाभाय 
69. कांचनाभाय
70. पंचवक्त्राय 
71. महातपसी 
72. लंकिनीभंजन 
 
73. श्रीमते 
74. सिंहिकाप्राणहर्ता 
75. लोकपूज्याय 
76. धीराय
 77. शूराय 
78. दैत्यकुलान्तक
 79. सुरारर्चित 
80. महातेजस 
81. रामचूड़ामणिप्रदाय 
82. कामरूपिणे 
83. मैनाकपूजिताय 
84. मार्तण्डमण्डलाय 
85. विनितेन्द्रिय
 86. रामसुग्रीव सन्धात्रे 
87. महारावण मर्दनाय 
88. स्फटिकाभाय 
89. वागधीक्षाय 
90. नवव्याकृतपंडित 
91. चतुर्बाहवे 
92. दीनबन्धवे
 93. महात्मने
 94. भक्तवत्सलाय 
95.अपराजित 
96. शुचये 
97. वाग्मिने 
98. दृढ़व्रताय 
99. कालनेमि प्रमथनाय
 100. दान्ताय 
101. शान्ताय 
102. प्रसनात्मने 
103. शतकण्ठमदापहते 
104. योगिने 
105. अनघ 
106. अकाय 
107. तत्त्वगम्य 
108. लंकारि

हनुमान चालीसा की पंक्ति-

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता’
 
हनुमान जी की सिद्धियाँ और निधियाँ
हनुमान जी के पास आठों सिद्धियाँ और नौ निधियाँ-
 
आठ सिद्धियाँ
 
अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व।
 
नौ निधियाँ
 
पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुंद, कुंद, नील और खर्व।
 
हनुमान जी चिरंजीवी है जो हमेशा जीवित रहेंगे। चिरंजीवी का अर्थ होता है शाश्वत। शाश्वत का मतलब होता है हमेशा अस्तित्व में रहने वाला। 
 
हनुमान जी त्रेता में श्री राम जी के दूत रहे है और द्वापर में श्री कृष्ण जी के साध अर्जुन के रथ पर विराजमान थे।
Hanuman Janmotsav
Is Hanuman alive? 

When is Hanuman Janmotsav celebrated?

According to the Hindu calendar, Hanuman Janmotsav is celebrated on the full moon day of Chaitra month. This festival is celebrated as the birthday of Lord Hanuman. 
 
Hanuman’s mother’s name was ‘Anjana’, while his father’s name was ‘Kesari’. Hanuman is the Rudra avatar of Lord Shiva. Lord Shiva took the avatar of Rudra in the form of Hanuman to complete Ram’s work. 

Why is Hanuman named Hanuman?

 Once in his childhood, Hanuman had a fever, then he went out in the sky to eat the Sun. He was about to swallow the Sun by considering it as food, when Devraj Indra attacked him with his thunderbolt and he fell down from the sky.

The thunderbolt had hit his Hanu i.e. chin, then Devraj Indra apologized and Maruti was named Hanuman. 

How many names does Hanuman have? Hanuman Ji has been given 108 names

 1. Bhimsen Sahayakrite 2. Kapishwaray 3. Mahakaay 4. Kapisenaayak 5. Kumar Brahmacharine 6. Mahabalparakram 7. Ramdootaay 8. Vanaray 9. Kesari Sutaay 10. Sorrow Removal 11. Anjanagarbhasambhutaay 12. Vibhishanpriyaay

13. Vajrakaya 14. Rambhaktaay 15. Lankapuri Vidhahak 16. Sugreev Sachivaay 17. Pinglaakshaay 18. Harimarkatmarkataay 19. Ramkathalolaay 20. Sitavankarta 21. Vajrankhaay 22. Rudravirya 23. Vayu Putra 24. Ram Bhakt 25. Vanareshwar

26. Brahmachari 27. Anjaneya 28. Mahavira 29. Hanuman 30. Marutaatmaja 31. Provider of the knowledge of the whole 32. Provider of the Sita Mudra 33. Ashokavahrikshetra 34. Breaker of all illusions

35. Release of all bonds 36. Destroyer of defences 37. Eliminator of other knowledge 38. Supreme bravery 39. Remover of other mantras 40. Differentiated from other instruments 41. Resident of all planets

42. Remover of all sorrows 43. Traveller of all the worlds 44. Manojavay 45. Rooted in the Parijat 46. Formed in the form of all urine 47. Formed in the form of all the systems

48. In the form of all the instruments 49. Deep in the depths of all the diseases 50. Influence 51. Possessed of all knowledge 52. Future Chaturanan 53. Ratna Kundal keeper 54. Chanchaldwal

55. Gandharvavidyattvagya 56. Prisoner 57. Free from all bonds 58. Sagarotarkay 59. Prajnaay 60. Pratapvate 61. Balarksadrishnaay 62. Dashagrivakulantak 63. Lakshmana savior 64. Mahadyutaye

65. Long-lived 66. Demon killer 67. Akshahantre 68. Kalnabhay 69. Kanchanabhay 70. Panchavaktraay 71. Great ascetic 72. Destroyer of Lankini 73. Shrimate 74. Killer of lion 75. People’s worship 76. Patience 77. Brave 78. Demon clan 79. Surarchit

80. Great brilliance 81. Ramchuda Manipradaya 82. Kamarupine 83. Mainak Pujatiaya 84. Martanda Mandalaya 85. Controlled senses 86. Ram Sugreeva Sandhaatre 87. Maharavana Mardanaaya 88. Sphatikabhaaya 89. Speech-taking

90. Newly Vyakart Pandit 91. Four-armed 92. Deenbandhaaya 93. Mahatmaane 94. Devotee-loving 95. Undefeated 96. Pure 97. Speech-loving 98. Firm-willed

99. Kalanemi Pramathanaaya 100. Dantaya 101. Shantaaya 102. Happy soul 103. Shatakanthamadapaahate 104. Yogine 105. Anagh 106. Akaya 107. Tattvagamya 108. 

Lankari Line of Hanuman Chalisa-

Ashta Siddhi Nav Nidhi Ke Daata, 
 As Bar Deen Janaki Mata’ 
 
 Siddhis and treasures of Hanuman Ji 
 
Hanuman Ji has eight siddhis and nine treasures- Eight siddhis Anima, Mahima, Garima, Laghima, Prapti, Prakamya, Ishitwa and Vashitwa. 
 
 Nine treasures
 Padma, Mahapadma, Shankh, Makar, Kachhapa, Mukunda, Kunda, Neel and Kharva. 
 
 Hanuman Ji is Chiranjivi who will always live. Chiranjivi means eternal. Shashwat means always existing. Hanuman ji was the messenger of Shri Ram ji in Treta and in Dwapar,
 
he was seated on Arjun’s chariot as a devotee of Shri Krishna ji.

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