IUNNATI SHIV PURAN  शिव पुराण चौथा अध्याय द्वितीय खंड

 शिव पुराण चौथा अध्याय द्वितीय खंड

 शिव पुराण 

 चौथा अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड)

 विषय:- काम-रति विवाह

 नारद जी ने पूछा– हे ब्रह्माजी! इसके पश्चात क्या हुआ? आप मुझे इससे आगे की कथा भी बताइए। भगवन् काम और रति का विवाह हुआ या नहीं? आपके शाप का क्या हुआ? कृपया इसके बारे में भी मुझे सविस्तार बताइए।

 ब्रह्माजी बोले- शिवजी के वहां से अंतर्धान हो जाने पर दक्ष ने काम से कहा- हे कामदेव ! आपके ही समान गुणों वाली परम सुंदरी एवं सुशीला मेरी कन्या को तुम पत्नी के रूप में स्वीकार करो। मेरी पुत्री सर्वगुण संपन्न है तथा हर तरीके से आपके लिए सुयोग्य है। है महातेजस्वी मनोभव! यह हमेशा तुम्हारे साथ रहेगी और तुम्हारी इच्छानुसार कार्य करेगी।

यह कहकर दक्ष ने अपनी कन्या, जो उनके पसीने से उत्पन्न हुई थी, का नाम ‘रति’ रख दिया। तत्पश्चात कामदेव और रति का विवाह सोल्लास संपन्न हुआ। हे नारद! दक्ष की पुत्री रति बड़ी रमणीय और परम सुंदरी थी। उसका रूप लावण्य मुनियों को भी मोह लेने वाला था। रति से विवाह होने पर कामदेव अत्यंत प्रसन्न हुए। वे रति पर पूर्ण मोहित थे। उनके विवाह पर बहुत बड़ा उत्सव हुआ। प्रजापति दक्ष पुत्री के लिए सुयोग्य वर पाकर बहुत खुश थे। दक्षकन्या देवी रति भी कामदेव को पाकर धन्य हो गई थी। जिस प्रकार बादलों में बिजली शोभा पाती है, उसी प्रकार कामदेव के साथ रति शोभा पा रही थी। कामदेव ने रति को अपने हृदय सिंहासन में बैठाया तो रति भी कामदेव को पाकर उसी प्रकार प्रसन्न हुई, जिस प्रकार श्रीहरि को पाकर देवी लक्ष्मी। उस समय आनंद और खुशी से सराबोर कामदेव व रति भगवान शिव का शाप भूल गए।

 सूत जी कहते हैं- ब्रह्माजी का यह कथन सुनकर महर्षि नारद बड़े प्रसन्न हुए और हर्षपूर्वक बोले- हे महामते! आपने भगवान शिव की अद्भुत लीला मुझे सुनाई है। प्रभो ! अब मुझे आप यह बताइए कि कामदेव और रति के विवाह के उपरांत सब देवताओं के अपने धाम चले जाने के बाद, पितरों को उत्पन्न करने वाली ब्रह्मकुमारी संध्या कहां गई? उनका विवाह कब और किससे हुआ? संध्या के विषय में मेरी जिज्ञासा शांत करिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

शिव पुराण चौबीसवां अध्याय – शिव जी की आज्ञा से सती द्वारा श्रीराम की परीक्षाशिव पुराण चौबीसवां अध्याय – शिव जी की आज्ञा से सती द्वारा श्रीराम की परीक्षा

शिव पुराण   चौबीसवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (द्वितीय खंड)  विषय :-शिव की आज्ञा से सती द्वारा श्रीराम की परीक्षा  नारद जी बोले- हे ब्रह्मन्! हे महाप्राज्ञ! हे दयानिधे! आपने

शिव

शिव पुराण बावनवां अध्याय : भगवान शिव का आवासगृह में शयनशिव पुराण बावनवां अध्याय : भगवान शिव का आवासगृह में शयन

शिव पुराण   बावनवां अध्याय – श्री रूद्र संहिता (तृतीय खंड) विषय : भगवान शिव का आवासगृह में शयन  ब्रह्माजी बोले- नारद! शैलराज हिमालय ने सभी बारातियों के भोजन की व्यवस्था

शिवजी

शिव पुराण : आठवां अध्याय – श्री रुद्र संहिता (पंचम खण्ड)शिव पुराण : आठवां अध्याय – श्री रुद्र संहिता (पंचम खण्ड)

शिव पुराण आठवां अध्याय – श्री रुद्र संहिता (पंचम खण्ड) ( शिव ) विषय – दिव्य रथ का निर्माण व्यास जी ने सनत्कुमार जी से पूछा- हे स्ननत्कुमार जी! आप