*दिनांक – 02 अगस्त 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
*शक संवत -1945*
अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा ॠतु*
मास – अधिक श्रावण*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – प्रतिपदा रात्रि 08:05 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र – श्रवण दोपहर 12:58 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग – आयुष्मान दोपहर 02:34 तक तत्पश्चात सौभाग्य
*राहुकाल – दोपहर 12:45 से दोपहर 02:23 तक*
*सूर्योदय-06:13*
*सूर्यास्त- 19:16*
*दिशाशूल- उत्तर दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण –
*विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
सावन माह मे हरी चूडी पहरने से बुद्ध ग्रह होते है अनुकूल
नेत्रज्योति की रक्षा हेतु*
भोजन करने के बाद आँखों पर पानी छिडकें तो ठीक हैं, नहीं तो अपनी गीली हथेलियाँ आँखों पर रखें तो भी नेत्र के रोग मिटते हैं |*
*दोनों हथेलियाँ रगडकर ‘ॐ ॐ ॐ मेरी आरोग्यशक्ति जगे, नेत्रज्योति जगे …. ‘ ऐसा करके आँखों पर रखने से भी आँखों की ज्योति बरकरार रहती है और आँखों के रोग मिटते हैं |
*गुरुवार का व्रत*
*गुरुवार के दिन बेसन , मिश्री ऐसा थोड़ा सा मीठा बना दें ..गुरूजी को भोग लगाया..और थोड़ा खा लिया.. प्रसादके रूप में और पीले वस्त्र अगर हो तो उस दिन पहन सकें तो अच्छा है या पीलेवस्त्र ओढ़ कर सुबह जप करें…शाम को जप करें उस दिन और आम के पेड़ में थोड़ा जल चढ़ा दें | परिक्रमा कर दें | गुरु मंत्र जपे | तो इससे बहुत लाभ होता है*
*विद्या प्राप्तिमें सहायता*
*बुद्धि की वृद्धि*
*धन की स्थिरता*
*और जो बेटे-बेटी को शादीमें अड़चन आती है…अविवाहित है वो भीये गुरुवार का व्रत करें..वो तो मीठा ही खाये उस दिन नमक-मिर्च ना लें और गुरुदेव का जप खूबकरें, गुरुदेव का ध्यान करें |*