भारत का वह मंदिर जहां ग़ैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है
लिंगराज मंदिर की कथा, वास्तुकला,इतिहास और पहुँचने का मार्ग
मंदिर से जुड़ी धार्मिक कथा
कलिंग युद्ध और लिंगराज मंदिर के बीच संबंध
1.मुघल साम्राज्य के प्रति संघर्ष
2. लिंगराज मंदिर का निर्माण
लिंगराज मंदिर का निर्माण कलिंग युद्ध के समय में हुआ था और इसे गजापति ने बनवाया था। यह मंदिर कलिंग क्षेत्र के हिन्दू सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों में से एक बन गया है और आज भी यात्री और भक्तों की भीड़ समेटता है। लिंगराज मंदिर का निर्माण कलिंग युद्ध के पश्चात्ताप और संरक्षण की भूमि में किया गया था, जिससे यह स्थान हिन्दू धर्म और संस्कृति के प्रति मुघल आक्रमण के बावजूद स्थायी बना रहा है।
मंदिर तक पहुँचने के मार्ग
वायुमान
रेलवे
भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के मुख्य रेलवे स्टेशनों में से एक है, और इसके जरिए आप रेलवे से यहां पहुँच सकते हैं।
सड़क
भुवनेश्वर नगर सड़क और यातायात की दृष्टि से अच्छे से जुड़ा हुआ है और वहां से टैक्सी, ऑटोरिक्शा, और बस सेवाएं उपलब्ध हैं जो आपको मंदिर तक पहुँचा सकती हैं। लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर नगर के केंद्र में स्थित है, और इसका पता नृत्य मंदिर मार्ग, भुवनेश्वर में है। यह नगर मेट्रो और टैक्सी की सेवाओं के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।