IUNNATI JYOTIRLINGA त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

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what is Trimbakeshwar famous for

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के त्र्यंबक गाँव में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।यह स्थान को धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
 
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गोदावरी के तट पर स्थित है।गोदावरी नदी को माँ गंगा नदी के समान पवित्र माना गया है

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता

12 ज्योतिर्लिंगों में हर स्थान पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है लेकिन त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के साथ साथ ब्रह्मा जी व विष्णु जी की भी पूजा की जाती है।
 
बर्ह्म जी ने इस स्थान पर अपनी उँगली से अक्षर चिह्न किया हुआ है और भगवान विष्णु जी ने अपनी पीठ पर स्थान बनाया और शिवजी ने अपने त्रिशूल से भूमि में एक दरार बनाई और भूमि में प्रवेश किया जिससे त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग का उदय हुआ। 

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की वास्तुकला

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। यह मंदिर हिंदू स्थापत्यकला की शैली में निर्मित है और इसकी संरचना में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक तत्वों का ध्यान दिया गया है।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण त्रिकोणीय आकार में किया गया है, जिसमें तीनों ओर से लिंग की पूजा करने की अनुमति है। मंदिर का मुख्य गोपुर उच्चतम है और उसमें कई धार्मिक चिन्हों और मूर्तियों का समावेश है। मंदिर की आधिकारिक भाषा में उसे “भूमि मंडल” के रूप में वर्णित किया गया है, जो वास्तुपुरुष मंडल के सिद्धांतों के अनुसार निर्मित है।

इस मंदिर के पंचक्रोशी में कालसर्प शांति, त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबलि की पूजा संपन्‍न होती है।

अंत में, त्र्यंबकेश्वर मंदिर वास्तुकला में उत्कृष्टता और धार्मिक आदर्शों का प्रतीक है, और यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा

त्र्यंबक गौतम ऋषि की तपोभूमि थी।अपने ऊपर लगे गौहत्या के पाप से मुक्ति पाने के किए गौतम ऋषि ने भगवान शिव का तप किया और माँ गंगा को यहाँ अवतरित करने की प्रार्थना की।
 
भगवान शिव ने वरदान दिया और गोदावरी नदी का उद्गम हुआ।
गोदावरी नदी के उद्गम के साथ साथ गोतम ऋषि ने भगवान शिव को मंदिर में विराजमान करने के लिए प्रार्थना की और भगवान शिव यहाँ विराजे। 
 
उज्जैन और ओंकारेश्वर की तरह ही त्रयम्बकेश्वर महाराज को यहाँ का राजा कहा जाता है।
पहुँचने का मार्ग
1.रेलवे मार्ग
नासिक शहर से
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। नासिक शहर से आप टैक्सी, बस, या खुद की गाड़ी से ज्योतिर्लिंग तक पहुँचा जा सकता है।

2.मुंबई से

मुंबई से नासिक तक ट्रेन, बस, या अंतरराज्य बस सेवाएं उपलब्ध हैं, और वहां से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तक टैक्सी, बस, या व्यक्तिगत वाहन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

3.पुणे से

पुणे से भी नासिक तक बस सेवा उपलब्ध है।

नासिक हवाई अड्डे से

नासिक में एक हवाई अड्डा है, और वहां से भारतीय या अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके बाद, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तक टैक्सी या बस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह मार्ग सुविधाजनक हैं और यात्री अपने आवश्यकताओं और साधनों के आधार पर किसी भी मार्ग का चयन कर सकते हैं।

Trimbakeshwar Jyotirlinga

Trimbakeshwar Jyotirlinga is located in Trimbak village of Nashik district of Maharashtra and it is a major Hindu religious place. This Jyotirlinga is dedicated to Lord Shiva and people worship Lord Shiva here. This place is famous for its religious and spiritual significance.
 
 Trimbakeshwar Jyotirlinga is located on the banks of Godavari. Godavari River is considered as sacred as the Mother Ganga River.
Specialty of Trimbakeshwar Jyotirlinga
Lord Shiva is worshipped at every place in the 12 Jyotirlingas but in Trimbakeshwar Jyotirlinga, along with Lord Shiva, Brahma Ji and Vishnu Ji are also worshipped. 
 
 Brahma Ji marked this place with his finger. Lord Vishnu Ji made a place on his back and Shiva Ji made a crack in the ground with his trident and entered the ground which led to the emergence of Trimbakeshwar Jyotirlinga. 
 
Architecture of Trimbakeshwar Jyotirlinga
Trimbakeshwar Jyotirlinga is a splendid example of architecture. The temple is built in the style of Hindu architecture and various religious and spiritual elements have been taken care of in its structure.
 
The Trimbakeshwar temple is built in a triangular shape, allowing worship of the Linga from all three sides. The main gopura of the temple is the highest and consists of many religious symbols and idols. The temple is described in official language as a “Bhoomi Mandala”, which is built according to the principles of Vastupurush Mandala. 
 
 The Panchkroshi of this temple performs Kalsarpa Shanti, Tripindi Vidhi and Narayan Nagbali Puja. 
 
 In conclusion, the Trimbakeshwar temple is a symbol of excellence in architecture and religious ideals, and is important as a religious and cultural heritage. 
 

Story of Trimbakeshwar Jyotirlinga

Trimbak was the Tapabhoomi of Gautam Rishi. To get rid of the sin of cow slaughter, Gautam Rishi meditated on Lord Shiva and prayed to Maa Ganga to descend here.
 
 Lord Shiva gave a boon and the Godavari river originated.
 
 Along with the origin of the Godavari river, Gautam Rishi prayed to Lord Shiva to reside in the temple and Lord Shiva resided here.
 
 Just like Ujjain and Omkareshwar, Trimbakeshwar Maharaj is called the king here.  

How to reach Trimbakesgwar Jyotirlinga

How to reach Railway route From Nashik city Trimbakeshwar Jyotirlinga is about 30 km from Nashik city. 
 
From Nashik city, you can reach the Jyotirlinga by taxi, bus, or own vehicle. 
 
 From Mumbai Train, bus, or interstate bus services are available from Mumbai to Nashik, and from there one can use taxi, bus, or personal vehicle to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga. 
 
 From Pune Bus service is also available from Pune to Nashik. From Nashik Airport Nashik has an airport, and Indian or international flight services are available from there. After this, one can use taxi or bus to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga.
 
These routes are convenient and travellers can choose any of the routes depending on their needs and means.
 
 

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