51 शक्तिपीठों की श्रृंखला में आज हम जानेंगे माता सती का वह शक्तिपीठ जहां माता के दाहिना पैर का अंगूठा गिरा था।
कालिका शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है और यह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र स्थल माना जाता है। शक्तिपीठ वे पवित्र स्थान हैं जहाँ देवी सती के अंग या आभूषण गिरे थे।
धार्मिक दृष्टि से कालिका शक्तिपीठ का विशेष महत्व है।
कालिका शक्तिपीठ की प्रमुख विशेषताएँ
स्थान
कालिका शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (पूर्व में कलकत्ता) में स्थित है। इसे ‘काली मंदिर’ या ‘कालीघाट मंदिर’ भी कहा जाता है।
पौराणिक कथा
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमान सहन न कर पाने के कारण आत्मदाह कर लिया था। इसके बाद भगवान शिव ने उनके शरीर को लेकर तांडव करना शुरू किया। इस दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। जहां-जहां ये अंग या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ बने। कालिका शक्तिपीठ वह स्थान है जहां देवी सती का दाहिना पैर का अंगूठा गिरा था।
देवी और भैरव
इस शक्तिपीठ में देवी को ‘काली’ या ‘कालिका’ के रूप में पूजा जाता है और उनके साथ भैरव के रूप में ‘नकुलेश्वर’ की पूजा होती है।
महत्व
यह स्थान धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ पर भक्त देवी की कृपा प्राप्त करने और आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।
धार्मिक उत्सव और अनुष्ठान
दुर्गा पूजा और काली पूजा
दुर्गा पूजा और काली पूजा के दौरान यहाँ विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इस समय देवी के भक्त बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं।
नवरात्रि के दौरान विशेष पूजाएं होती हैं और भक्त बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं।
भोग और प्रसाद
मंदिर में विशेष भोग और प्रसाद तैयार किया जाता है और भक्तों को वितरित किया जाता है।
वास्तुकला और संरचना मुख्य मंदिर
कालिका मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है और यह बंगाल शैली में बना हुआ है। मंदिर का गर्भगृह काले पत्थर से निर्मित है और देवी कालिका की मूर्ति यहाँ स्थित है।
अन्य संरचनाएँ
मंदिर परिसर में अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी हैं, जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं। सांस्कृतिक महत्त्व कालिका शक्तिपीठ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ वर्ष भर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव मनाए जाते हैं, जो स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवित रखते हैं। कालिका शक्तिपीठ अपने धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ की आध्यात्मिक वातावरण और देवी के प्रति भक्ति का माहौल भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
Kalika Shaktipeeth , West Bengal
Kalika Shaktipeeth is one of the major Shaktipeeths of West Bengal and is considered to be a highly sacred place in Hinduism. Shaktipeeths are the sacred places where the body parts or ornaments of Goddess Sati fell. Kalika Shaktipeeth has special significance from a religious point of view.
Key features of Kalika Shaktipeeth Location
Kalika Shaktipeeth is located in Kolkata (formerly Calcutta), the capital of West Bengal. It is also known as ‘Kali Mandir’ or ‘Kalighat Mandir’.
Mythology
According to Hindu mythology, Goddess Sati immolated herself as she was unable to bear the insult in the yagya of her father Daksha. After this, Lord Shiva started performing Tandava with her body. During this, Lord Vishnu divided the body of Goddess Sati into 51 parts with his Sudarshan Chakra. Wherever these body parts or ornaments fell, Shaktipeeths were formed there. Kalika Shaktipeeth is the place where the right toe of Goddess Sati fell. Devi and Bhairava: In this Shaktipeeth, the Devi is worshipped as ‘Kali’ or ‘Kalika’ and along with her, ‘Nakuleshwar’ is worshipped as Bhairava.
Significance
This place is extremely important from religious and mythological point of view and is a major pilgrimage site for devotees. Devotees come here to seek the grace and blessings of the Devi.
Religious festivals and rituals
Durga Puja and Kali Puja
Special pujas and rituals are conducted here during Durga Puja and Kali Puja. Devotees of the Devi come here in large numbers at this time.
Navaratri
Special pujas are conducted during Navratri and devotees come here in large numbers.
Bhog and Prasad
Special bhog and prasad are prepared in the temple and distributed to the devotees.
Architecture and structure Main Temple
The architecture of Kalika temple is unique and it is built in Bengal style. The sanctum sanctorum of the temple is made of black stone and the idol of Goddess Kalika is situated here.
Other structures
There are other small temples in the temple complex, in which idols of various gods and goddesses are installed. Cultural Importance Kalika Shakti Peeth is not only important from a religious point of view, but also from a cultural point of view. Many cultural events and festivals are celebrated here throughout the year, which keep the local traditions and customs alive. Kalika Shakti Peeth is a very important place for devotees due to its religious, mythological and cultural significance. The spiritual atmosphere here and the devotion towards the Goddess provides a unique experience to the devotees.